Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चीन फिर अटकाएगा भारत की एनएसजी सदस्यता की राह में रोड़ा

Webdunia
मंगलवार, 23 मई 2017 (10:38 IST)
बीजिंग। चीन ने सोमवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत को एनएसजी की सदस्यता हासिल करने के लिए चीन का समर्थन जरूरी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवादाताओं से कहा, 'एनएसजी में गैर-एनपीटी सदस्यों की भागीदारी पर चीन का रुख नहीं बदला है।' उनसे अगले महीने स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में होने वाली समूह की विस्तृत सत्र बैठक के दौरान एनएसजी में भारत के प्रवेश की संभावनाओं के बारे में सवाल किया गया था।
 
हुआ ने कहा, "हम 2016 के पूर्ण अधिवेशन के आदेश के बाद और द्विस्तरीय दृष्टिकोण से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए खुली और पारदर्शी अंतर-सरकारी प्रक्रिया पर सहमति बनने के बाद एनएसजी समूह का समर्थन करते हैं।" एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन करने के बाद चीन के सदाबहार मित्र पाकिस्तान ने भी बीजिंग के समर्थन के साथ सदस्यता के लिए आवेदन कर दिया था।
 
सियोल में जून 2016 में एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में चीन ने समूह में सदस्यता के भारत के आवेदन का विरोध किया था. उसके बाद नवंबर में सलाहकार समूह की बैठक में फिर से चीन ने भारत के प्रयास में रोड़ा अटका दिया। 48 सदस्यीय समूह का आगामी पूर्ण अधिवेशन जून में स्विटजरलैंड के बर्न में आयोजित किए जाने की संभावना है। अमेरिका और समूह के अन्य देशों ने भारत की सदस्यता का समर्थन किया है, लेकिन चीन का कहना है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इस लिहाज से उसे सदस्यता नहीं दी जा सकती।
 
बीजिंग का तर्क है कि अगर भारत को सदस्यता दी जा सकती है, तो पाकिस्तान को भी दी जानी चाहिए. वह भी एनपीटी हस्ताक्षरकर्ता नहीं है. भारत एनपीटी को पक्षपातपूर्ण मानता है. हालांकि इस मामले में अमेरिका, स्विटजरलैंड, मेक्सिको, इटली, रूस और ब्रिटेन भारत के समर्थन में हैं।
 
चीन के विरोध से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। भारत ने हाल ही में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के विरोध में चीन की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल का बहिष्कार किया था। सीपीईसी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है, जिस पर भारत अपना दावा करता है। दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे से भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। (एजेंसी)

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर बवाल, हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 27 लोग घायल

Maharashtra : पुणे में पानी की टंकी गिरी, 5 श्रमिकों की मौत, 5 अन्य घायल

Cyclone Dana : चक्रवात दाना पर ISRO की नजर, जानिए क्या है अपडेट, कैसी है राज्यों की तैयारियां

भारत के 51वें CJI होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

चीन के साथ समझौते पर क्‍या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

આગળનો લેખ
Show comments