लंदन। साल 2003 में छेड़े गए इराक युद्ध के मामले में जांच करने वाली समिति को पेश किए गए सबूतों के अनुसार ब्रिटेन को 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर भारत-पाकिस्तान परमाणु युद्ध की आशंका थी।
उसने दोनों देशों को सैन्य टकराव को समाप्त करने के लिए समझाने और मनाने का प्रयास किया था। इराक युद्ध पर जांच रिपोर्ट कल सार्वजनिक की गई। तत्कालीन ब्रिटिश विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ ने शिलकॉट जांच आयोग के समक्ष गवाही के दौरान ये खुलासे किए थे। शिलकॉट की रिपोर्ट में बताया गया कि 2003 में इराक युद्ध दोषपूर्ण खुफिया जानकारी पर आधारित था।
स्ट्रॉ ने उस समय के अन्य बड़े मुद्दों को रेखांकित करते हुए कहा था कि वह हर घंटे भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर चिंतित थे जिसने उनके तत्कालीन अमेरिकी समकक्ष कॉलिन पॉवेल के साथ उनके करीबी संबंधों का आधार तैयार किया।
स्ट्रॉ के बयान का उनके विदेश कार्यालय के प्रवक्ता तथा तत्कालीन मीडिया सलाहकार जॉन विलियम्स ने समर्थन किया था जिन्होंने जांच समिति से कहा था, 'विदेश मंत्री मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर पहुंचने से रोकने के लिए प्रयासरत थे जो आसानी से परमाणु युद्ध की शक्ल ले सकता था।'(भाषा)