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मोदी से मुलाकात के बाद नरम पड़े जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तानी निज्जर की हत्या से बिगड़े थे भारत-कनाडा के रिश्ते

मोदी से मुलाकात के बाद नरम पड़े जस्टिन ट्रूडो, खालिस्तानी निज्जर की हत्या से बिगड़े थे भारत-कनाडा के रिश्ते

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बारी , रविवार, 16 जून 2024 (07:29 IST)
PM Modi Meet Justin Trudeau : द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शनिवार को कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी मुलाकात के बाद कुछ ‘बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों’ से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता है। मोदी ने दोनों नेताओं के हाथ मिलाने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, जिसमें कहा गया है कि जी 7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।
दक्षिणी इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई यह बैठक खालिस्तान समर्थक चरमपंथ को लेकर तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच पहली बैठक है। इससे पहले, ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि कनाडाई अधिकारी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता से संबंधित ‘विश्वसनीय आरोपों की सक्रियता से’ जांच कर रहे हैं।
 
पिछले वर्ष कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों को विदेश मंत्रालय ने ‘‘बेतुका और प्रेरित’’ बताते हुए दृढ़तापूर्वक खारिज कर दिया था। ट्रूडो ने शनिवार को तीन दिवसीय जी7 शिखर सम्मेलन के समापन पर संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस महत्वपूर्ण, संवेदनशील मुद्दे के विवरण में नहीं जाऊंगा, जिस पर हमें आगे काम करने की आवश्यकता है। लेकिन यह आने वाले समय में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता है।’’
 
शाम बैठक के तुरंत बाद, कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि नेताओं ने ‘‘द्विपक्षीय संबंधों पर संक्षिप्त चर्चा’’ की, जिस दौरान ट्रूडो ने मोदी को उनके पुनः निर्वाचित होने पर बधाई भी दी। कनाडा की प्रेस समाचार एजेंसी ने प्रवक्ता एन-क्लारा वैलानकोर्ट के हवाले से कहा, ‘‘बेशक, इस समय हमारे दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। आप समझ सकते हैं कि हम इस समय कोई और बयान नहीं देंगे।’’
भारत का कहना रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपने भू-भाग से संचालित हो रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को जगह दे रहा है। भारत ने कनाडा को बार-बार अपनी ‘गहरी चिंताओं’ से अवगत कराया है और नई दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। 

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