वॉशिंगटन। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने निजता के अधिकार पर हाल में जो आदेश दिया है उसमें आधार को सुरक्षित रखने के पर्याप्त प्रावधान हैं।
जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका की यात्रा पर हैं। वे कोलंबिया विश्वविद्यालय में उस प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि निजता के अधिकार पर शीर्ष अदालत के हालिया फैसले के बाद उनकी सरकार का आधार पर क्या रुख होगा?
अगस्त में 9 न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि निजता का अधिकार संविधान में दिए गए जीवन और आजादी के मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। हालांकि कई जानकारों ने इस फैसले को आधार के लिए एक झटका माना था, क्योंकि इसके तहत सरकार नागरिकों की महत्वपूर्ण निजी जानकारियों को एकत्र करती है।
जेटली ने विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि मेरा मानना है कि निजता के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला वर्तमान समय के अनुरूप सही फैसला है और इसमें ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जो आधार की रक्षा करते हैं।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के बिना उसके जीवन और आजादी के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। उन प्रक्रियाओं को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष होना चाहिए। वित्तमंत्री ने कहा कि कुछ न्यायाधीशों ने निजता के कानून में अपवादों पर भी विचार किया है।
जेटली ने कहा कि उनके मुताबिक पहला अपवाद है राष्ट्रीय सुरक्षा। दूसरा अपवाद है अपराध की पहचान और उसकी रोकथाम। न्यायाधीशों के मुताबिक तीसरा अपवाद है सामाजिक आर्थिक लाभों का वितरण। वित्तमंत्री ने कहा कि तीसरे अपवाद को विशेषतौर पर आधार की रक्षा के लिए बनाया गया है। (भाषा)