प्यार हो या दोस्ती। रिश्ते-नाते हो या कोई कमर्शियल परपज। इन दिनों सोशल मीडिया का इन सब में अहम रोल है। आज सारी दुनिया फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम और ट्विटर पर सिमट आई है। ऐसे में लोगों को इसकी लत भी लगती जा रही है। कुल मिलाकर सोशल मीडिया कल्चर छीन रहा मासूम बच्चों का बचपन। यहां ज्यादातर बच्चे तनाव में है और इसकी वजह सोशल मीडिया है।
वैसे तो सारी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, लेकिन खासतौर से अमेरिका में इससे किशोर तनाव में आ रहे हैं। यहां पर अपनी पोस्ट पर लाइक और कमेंट के लिए होड सी मच हुई है। यहां के किशोर सोशल मीडिया में इतने खो चुके है कि वे ऑनलाइन दुनिया से यह तय कर रहे हैं कि किसे दोस्त बनाए और किसे नहीं बनाना है। यानी जो लाइक और कमेंट करेगा वही दोस्त होगा। कहने का मतलब यह है कि अमेरिका में दोस्ती और संबंध लाइक और कमेंट के सहारे चल रही है।
सोशल मीडिया के इस पूरे जाल से अमेरिका में 50 प्रतिशत किशारों में तनाव बढ़ने की जानकारी सामने आई है। चिंता वाली बात यह है कि इनमें से 30 प्रतिशत लड़के हैं।
दोस्त की पोस्ट पर ज्यादा लाइक-कमेंट!
यह चौंकाने वाले तथ्य एक रिसर्च के बाद सामने आए हैं। दरअसल, हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन ने प्रोजेक्ट जीरो नाम से एक रिसर्च की थी। इस रिसर्च में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक किशोरों में दोस्त बनाने की लालसा भी बढ़ गई है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि अपने स्कूल में साथ पढ़ने वाले किसी छात्र की पोस्ट पर ज्यादा लाइक और कमेंट आने पर वे तत्काल तनाव में आ जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई बार किसी संवेदनशील पोस्ट से किशोरों की भावनाएं भी आहत हो रही हैं। हालांकि साथ ही कई बच्चे अनजान दोस्त भी बना लेते हैं और दोस्ती का मतलब भी नहीं समझ पा रहे हैं।
Edited: By Navin Rangiyal