मेलबोर्न। एक तरफ जंगल की भीषण आग से ऑस्ट्रेलिया में लगभग 50 करोड़ जानवरों की मौत हो चुकी है, वहीं एक और विरोधाभासी खबर आ रही है। इसके मुताबिक 10 हजार ऊंटों को गोली मारकर खत्म कर दिया जाएगा।
दरअसल, भीषण आग के बाद ऑस्ट्रेलिया में पानी का संकट भी खड़ा हो गया है। ...और ऊंटों के बारे में कहा जाता है कि वे पानी ज्यादा ही पीते हैं। अत: फैसला लिया गया है कि देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित अनांगु पितजनजातजारा याकुनीजतजारा लैंड्स में इन ऊंटों को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया जाएगा।
ऊंटों को मारने की प्रक्रिया एक सप्ताह तक चलेगी। इन्हें हेलीकॉप्टर से गोली मारी जाएगी। साउथ ऑस्ट्रेलियन डिपार्टमेंट फॉर एनवायरॉनमेंट एंड वाटर के मुताबिक ऊंटों की मौत इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। फेरल प्रजाति के ये ऊंट पानी बहुत ज्यादा पीते हैं और इस समय देश में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है।
इन ऊंटों के बारे में कहा जाता है कि ये 5 किलोमीटर दूर से पानी सूंघ लेते हैं और वहां पहुंच जाते हैं। लोगों के बीच पहुंचकर ये जल स्रोतों को भी दूषित कर देते हैं, जिससे लोगों में बीमारी का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं ये ऊंट ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहे हैं क्योंकि वो एक साल में एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर मीथेन का उत्सर्जन करते हैं।
...और इधर एक परिवार ने 90 हजार की जान बचाई : सिक्के का दूसरे पहलू भी है। जंगलों की विनाशकारी आग के बीच एक पशु कार्यकर्ता और उसके परिवार ने अब तक 90 हजार पशुओं की जान बचाई है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में पाए जाने वाले कोआला भालुओं की संख्या इस भीषण आग के बाद घटकर आधी बची है।