Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

आज है इंजीनियर डे : जानिए क्यों मनाया जाता है यह दिवस

आज है इंजीनियर डे : जानिए क्यों मनाया जाता है यह दिवस
आज भारत या अन्‍य देश विकास के दम पर अव्‍वल साबित हो रहे हैं। तकनीक किसी भी रूप में विकसित हो रही है पर देश आगे बढ़ रहा है। भारत में हर साल 15 सिंतबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। जिसे अभियंता दिवस भी कहते हैं। दरअसल, 15 सितंबर को महान इंजीनियर और भारत रत्‍न मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैया का जन्‍म हुआ था। उनकी याद में यह दिवस मनाया जाता है। भारत रत्‍न मोक्षगुंडम द्वारा भारत के विकास में जो योगदान दिया उससे भारत की छवि बदल गईं। अन्‍यथा आज भारत ताकतवर देशों की सूची में नहीं होता बल्कि संघर्ष कर रहा होता। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उन्होंने असाधारण योगदान दिया। देशभर में कई सारे बांध, पूल को बनाया। ऐसा कहा जाता है देश में पानी की समस्‍या दूर करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। इस खास दिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ किस्‍से। 
 
- भारत रत्‍न सम्‍मानित मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैया का जन्‍म 15 सितंबर 1860 को मैसूर के कोलार जिले में हुआ था। उनके द्वारा भारत में दिए गए योगदान के चलते भारत सरकार द्वारा 1968 को इंजीनियर डें घोषित किया गया था।  
 
- विश्‍वेश्‍वरैया के मार्गदर्शन में देश में पुणे के खड़कवासला जलाशय बांध, मैसूर में कष्‍णराज सागर बांध तो ग्‍वालियर में तिगरा बांध बनवाने का श्रेय जाता है। इतना ही नहीं हैदाराबाद सिटी को बनाने का श्रेय भी उन्‍हें ही दिया जाता है। हालांकि सीमा विवाद लेकर हैदराबाद सहित आसपास के अन्‍य क्षेत्र में विवाद रहता है। कहीं बांध बनवाएं, कहीं शहर ही बना दिए तो कही समुद्र रास्‍ते के बीच से भी रास्‍ता निकालने में कामयाब रहें। जी हां, उन्‍होंने समुद्र कटाव से विशाखापटनम बंदरगाह की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली को विकसित किया। 
 
- साल 2021 में 160वां जन्‍म दिवस है। वर्तमान में इंजीनियरिंग कॉलेज में बड़े-बड़े फेस्‍ट, इवेंट, कॉम्पिटिशन आयोजित किए जाते हैं। इस दिन को लेकर कॉलेज में काफी उत्‍साह रहता था। हालांकि कोविड की वजह से सभी स्‍टूडेंट्स ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं। 
 
- विश्‍वेश्‍वरैया को मैसूर स्‍टेट का पिता कहा जाता था। उन्‍होंने मैसूर के विकास के लिए कई बड़े कार्य किए। विश्‍वेश्‍वरैया ने मैसूर सरकार के साथ काम करने के दौरान मैसूर साबुन फैक्ट्री, परजीवी प्रयोगशाला, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री स्थापित किया। इसके अलावा श्री जयचमराजेंद्र पॉलिटेक्निक संस्थान, बैंगलोर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, सेंचुरी क्लब, मैसूर चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एवं यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग की स्थापना भी करवाई. इसके साथ ही और भी अन्य शैक्षिणक संस्थान एवं फैक्ट्री की भी स्थापना की गई. आज भी उनके द्वारा दिए योगदान को आज भी देश याद करता है। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

‘इतिहास के बहाने’ इरफान हबीब और रोमिला थापर के नाम एक चिट्ठी