6 दिसंबर : बाबा साहेब अंबेडकर पुण्यतिथि पर जानिए देश और समाज को लेकर उनके 10 विचार
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म महू में सूबेदार रामजी शकपाल तथा भीमाबाई के यहां 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। बाबासाहेब अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने दलित समाज को सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करके एक अनोखी पहचान बनाई।
6 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि (Dr. B.R. Ambedkar Death Anniversary) मनाई जाती है। आइए जानते हैं उनके 10 खास विचार-
1. हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि 'एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता' को दोहराता है, उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।
2. एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।
3. एक इतिहास लिखने वाला इतिहासकार सटीक, निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए।
4. समाज में अनपढ़ लोग है ये हमारे समाज की समस्या नहीं है, लेकिन जब समाज के पढ़े-लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते है और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते है यही हमारे समाज की समस्या है।
5. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
6. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
7. हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
8. एक समुदाय की प्रगति को मैं उस डिग्री से मापता हूं, जो महिलाओं ने हासिल की है।
9. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
10. इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।
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