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अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला स्मृति दिवस : जानें छोटे से गांव में जन्‍मी कल्‍पना कैसे पहुंची थी अंतरिक्ष तक

अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला स्मृति दिवस  : जानें छोटे से गांव में जन्‍मी कल्‍पना कैसे पहुंची थी अंतरिक्ष तक
भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला आज भी दुनिया में हर महिलाओं के लिए आदर्श हैं। अंतरिक्ष यात्री बनने की इच्छा रखने वाली कल्पना चावला ने महिलाओं के लिए आगे बढ़ने, सपने देखने के रास्ते खोल दिए। कल्पना चावला एक बार नहीं बल्कि दो बार अंतरिक्ष में जाने वाली भारत में जन्मी पहली महिला थीं। वह अपने चार-भाई बहनों में सबसे छोटी थी। सामान्य परिवार में जन्मी कल्पना के सपने बहुत बड़े थे और सोच भी। दुनियाभर की महिलाओं की ताकत बनने वाली कल्पना चावला ने 1 फरवरी 2003 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी 19वीं पुण्यतिथि हैं। आइए जानते हैं उनका सफर कैसा था -
 
- कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को करनाल में हुआ था। छोटे से शहर में पली-बढ़ी कल्पना चावला ने बचपन में ही सोच लिया था वह वह इंजीनियर बनना चाहती है। इसे लेकर उन्‍होंने अपने पिता जी को इच्छा जाहिर की थी। लेकिन उनके पिता जी चाहते थे कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बनें।

- कल्पना हवाई जहाज और आसमान में उड़ने के ख्वाब देखा करती थी। वह अपने पिता जी के साथ स्थानीय फ्लाइंग क्‍लब भी जाया करती थीं।

- कल्पना चावला ने 1995 में नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं। और 1998 में ही उनका पहली उड़ान में चयन हो गया। और अंतरिक्ष में जाने वाली भारत की पहली भारतीय महिला बन गई थीं। अपनी पहली यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए थे। और पृथ्वी की 252 चक्कर लगाए थे।

- हालांकि 1 फरवरी नासा और अन्य अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए बहुत दुखद दिन की तरह होता है। 2003 में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद धरती पर लौट रहे थे लेकिन इससे पहले ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। और इस हादसे में सभी 7 अंतरिक्ष  यात्रियों की मौत हो गई।

- कल्पना चावला मात्र 20 साल की उम्र में ही अमेरिका चली गई थीं। वहीं पर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्‍टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी।

- कल्पना चावला की आखिरी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार अमेरिका के उटाह के सियोन नेशनल पार्क में हो। और ऐसा ही हुआ।

- कल्पना चावला के निधन के बाद कई जगहों का नाम उनके नाम पर रखा जाने लगा। यूएस में एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी नॉर्थरोप ग्रुम्मन ने अपने स्पेसशिप का नाम कल्पना चावला रखा।

- 12 मई 2004 को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कल्पना चावला की स्मृति को सम्मानित करने के लिए एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया था। ECCO के फ्रेमवर्क में हाई-रिज़ॉल्यूशन Ocean Analysis देने के लिए SGI Altix 300 सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया था।

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