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इंदौर में सरकारी नौकरी के लिए युवाओं की हुंकार, तिरंगा लेकर निकाला पैदल मार्च, लगाए 'भर्ती करो के नारे'

इंदौर में सरकारी नौकरी के लिए युवाओं की हुंकार, तिरंगा लेकर निकाला पैदल मार्च, लगाए 'भर्ती करो के नारे'

अरविन्द तिवारी

, रविवार, 25 सितम्बर 2022 (18:52 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए सत्याग्रह कर रहे हजारों युवक युवती आज तिरंगा झंडा हाथ में लेकर सड़क पर उतर पड़े। ये लोग 'भर्ती करो, भर्ती करो नौकरी दो, नौकरी दो' का नारा लगाते हुए दीनदयाल उद्यान से गांधी प्रतिमा तक पैदल मार्च पर निकले।
 
मार्च में शामिल नौजवानों की भारी भीड़ को देखते हुए आगरा मुंबई राजमार्ग के शहरी हिस्से के यातायात को डायवर्ट करना पड़ा।
 
जैसे-जैसे पैदल मार्च भंवरकुआं चौराहे से आगे बढ़ा, इसमें शामिल होने वाले युवक-युवतियों की संख्या बढ़ती गई। इसका एक सिरा जब नौलखा पर था तब दूसरा सिरा करीब 1 किलोमीटर दूर भंवरकुआं चौराहे पर था। सत्याग्रही छात्रों के इस पैदल मार्च को देखते हुए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। बड़ी संख्या में पुलिस जवान मार्च के साथ थे। 
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गौरतलब है कि ये छात्र सरकारी नौकरियों में भर्ती की मांग को लेकर 21 सितंबर से दीनदयाल उपवन के सामने सत्याग्रह कर रहे हैं इनकी संख्या रोज बढ़ती जा रही है।
 
2 दिन पहले जब यह छात्र अपने सत्याग्रह के तहत सुंदरकांड का पाठ कर रहे थे, तब सत्याग्रह स्थल की लाइट प्रशासन ने बंद करवा दी थी तब वहां मौजूद छात्रों ने अपने मोबाइल फोन की टॉर्च जला कर पाठ किया था।  शनिवार शाम इन लोगों ने भोलाराम उस्ताद चौराहे से भवरकुंआ तक मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी की थी। 
आज पैदल मार्ग पर निकले इन छात्रों ने यह स्पष्ट किया है कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है वह तो नौकरी के लिए सड़क पर हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से सरकारी नौकरियों में भर्ती बंद है। इसके कारण उनके सामने बेरोजगारी की समस्या है और अब तो जीवन-यापन में परेशानी आने लगी है। 
 
यह सत्याग्रह नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले हो रहा है। यह 21 मार्च से शुरू हुआ है और 28 मार्च तक चलेगा।
 
सरकारी नौकरियों में भर्ती शुरू करने, रिक्त पदों के लिए लोक सेवा आयोग और व्यापम के माध्यम से परीक्षा आयोजित करने, बेरोजगारी भत्ता देने, संविदा भर्ती और आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग को लेकर ये छात्र सत्याग्रह कर रहे हैं। 
 
इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सएप मैसेज प्रसारित कर इस आंदोलन से किसी भी तरह का संबंध न बताते हुए छात्र-छात्राओं से कहा है कि अपने भविष्य को देखते हुए वे इस आंदोलन से दूरी बना लें। यह मैसेज परिषद के मंत्री लकी आदिवाल ने जारी किया है।

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