Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

ई रिक्शा से टक्कर के बाद आईकार्ड गले में फंसने से छात्रा की मौत

इंदौर में हुआ इस प्रकार का संभवत: पहला मामला

ई रिक्शा से टक्कर के बाद आईकार्ड गले में फंसने से छात्रा की मौत

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024 (10:29 IST)
Student dies after ID card gets stuck in neck : इंदौर में एक छात्रा (student) की अजीबोगरीब तरीके से मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर में चलती गाड़ी पर फंदा कसने का अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसे देखकर पुलिस और डॉक्टर भी हैरत में हैं। शैजल (19) पिता राकेश जटिया निवासी उमंग पार्क कॉलोनी गुरुवार सुबह होलकर कॉलेज जा रही थी। छोटा बांगड़दा में करीब 10.30 बजे सामने से आए ई-रिक्शा (e-rickshaw) से उसकी टक्कर हो गई।
 
टक्कर के बाद छात्रा के गले में टंगा आईकार्ड उसी की एक्टिवा के हैंडल में फंस गया और दम घुटने से उसकी मौत हो गई। एरोड्रम पुलिस के अनुसार हादसा शीतला माता मंदिर के सामने हुआ है।
 
रिक्शा से एक्टिवा को टक्कर लगी : प्रत्यक्षदर्शी गिरीश देवड़ा ने बताया ने बताया कि मैं बेटी को कॉलेज छोड़ने जा रहा था। शैजल हमारे ठीक पीछे एक्टिवा से चल रही थी। उसने गले में आई-कार्ड पहन रखा था। सामने से आ रहे ई-रिक्शा से एक्टिवा को टक्कर लगी। टक्कर के बाद रिक्शा आगे बढ़ गया। इसी दौरान सेजल का आईकार्ड शैजल के हैंडल में फंस गया। वह थोड़ी दूर तक गई और फंदा कसने से लड़खड़ाई। इसके बाद उसका सिर एक्टिवा के मास्क पर टकराया। खून निकलने लगा और वह गिर पड़ी।
 
तमाशबीन लोग वीडियो बना रहे थे : मैं गाड़ी रोककर उसे उठाने लगा। तभी वहां से जा रहे बाइक सवार हेमेंद्र लोधी निवासी सांवरिया नगर आए। हम दोनों ने उसे उठाया जबकि कई राहगीर वीडियो बना रहे थे। मुझसे वह उठ नहीं रही थी तो तीसरा राहगीर मोहन कौशल आया। हम तीनों ने एक रिक्शा में शैजल को बैठाया और उसे जिला अस्पताल लाए। रास्तेभर उसे हिलाया और उसकी नब्ज देखी, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसकी सांसें थम गईं।
 
डॉक्टर बोले, मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा : फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर भरत वाजपेयी ने बताया कि प्रारंभिक मामला एक्सीडेंटल था, लेकिन जब पीएम हुआ तो देखा कि उसकी मौत चोट से नहीं हुई। शरीर पर चोट के सामान्य निशान थे, लेकिन मौत दम घुटने से हुई। यह मेरे जीवन का दुर्लभ केस है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा। इसे एक्सीडेंटल इस्ट्रेंगुलेशन कहते हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

live : रिजर्व बैंक ने 7वीं बार नहीं बदला रेपो रेट