इंदौर। कोरोना काल की जो विभीषिका हमारे सामने उत्पन्न हुई, उस समय लोग एक-दूसरे से मिलने से डर रहे थे, लेकिन संघ कार्यकर्ताओं ने तब भी सेवा का कार्य किसी श्रेय की इच्छा के बगैर किया।
इस पुस्तिका में संघ के अलावा भी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सेवा कार्यों को भी इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। पुस्तिका में ऐसे बहुत से किस्से हैं, बहुत से ऐसे चित्र हैं जिन्हें पढ़कर, देखकर मन द्रवित हो उठता है।
उक्त बातें मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने विश्व संवाद केंद्र मालवा की जागृत मालवा मासिक पत्रिका के सेवा विशेषांक के विमोचन के अवसर पर कहीं।
कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए विश्व संवाद केंद्र न्यास के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने कहा कि सेवा विशेषांक बहुत अच्छे से प्रकाशित हुआ है। इसे पढ़ने पर ऐसे लगता है, जहां ये घटना हुई, हम वहीं पर उपस्थित हैं। संपादक मंडल व इस कार्य मे लगे सभी कार्यकर्ता इसके लिए अभिनंदन के पात्र हैं।
जागृत मालवा पत्रिका के बारे में गुप्ता ने कहा कि मालवा प्रांत में 12 हजार 500 गांव हैं, जिनमें से 6500 गांवों में पत्रिका पहुंच रही है। भविष्य में मालवा प्रांत के सभी गांवों तक पत्रिका पहुंचाने का लक्ष्य है। संचालन विशाल पंवार व आभार अनिल वज़े ने किया। कार्यक्रम का समापन वन्दे मातरम के साथ हुआ।