नवरात्रि के पावन अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग इंदौर द्वारा 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत षष्ठी पूजन से हुई और विशेष आयोजन में 108 किन्नरों का सम्मान किया गया। अगले दिन सप्तमी पूजा के साथ इंदौर शहर के 51 महिला पुलिस के अधिकारी और महिला कॉन्स्टेबल के लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। यह समारोह उनके गृहस्थ जीवन के साथ समाज की जिम्मेदारी सकुलशलता पूर्वक उठाने के लिए आयोजित किया गया।
महाष्टमी पर आर्ट ऑफ लिविंग इंदौर के नवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर रविवार को बंगलोर आश्रम से पधारे पंडितों द्वारा शुद्ध वैदिक रीति से भव्य चण्डी होम किया गया।
इस होम के दौरान पंडितों ने ऋषि मार्केंडेय द्वारा रचित देवी महात्म्य ग्रन्थ दुर्गा सप्तशती में वर्णित विभिन्न तरह की आराधना, स्तुति व क्षमा याचना स्त्रोत का भी सरल हिंदी के संक्षेप में वर्णन किया। इस वर्णन में बताया कि 'किस तरह जगत जननी मां जो सब से ममता रखती है उससे भक्त कहता है कि में कुछ नही जानता और मुझे कुछ नहीं चाहिए। केवल आपका पावन सानिध्य ही मेरे लिए पर्याप्त है।'
संस्था द्वारा बताया गया गत वर्ष शहर के सफाई कर्मचारियों की तथा दृष्टिहीन 1008 बालिकाओं के पूजन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस परंपरा का आगे बढ़ते हुए इस वर्ष ओमनी रेजीडेंसी में आयोजित इस कार्यक्रम में रविवार को मूकबधिर बालिकाओं के पूजन, दंपति पूजा, अश्व पूजन किया तत्पश्चात चण्डी हवन में पूर्णाहुति और प्रसादी वितरण किया गया जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगणों ने उपस्थित रहे कर लाभ उठाया।