Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

नासिक कुंभ मेले के मुख्य स्नान की तिथि जानिए

Webdunia
विश्वभर में आस्था के लिए लाखों लोगों के एकत्र होने के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन सिंहस्थ कुंभ 14 जुलाई से विधिवत रूप से जारी है। हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से जब माघ के महीने में सूर्य और बृहस्पति एक साथ सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तब नासिक और त्र्यंबकेश्वर में कुंभ का आयोजन होता है। लगभग तीन लाख लोगों के नासिक और त्र्यंबकेश्वर में इस धार्मिक आयोजन में पहुंचने की संभावना है।
 

 
कुंभ को सबसे बड़े शांतिपूर्ण सम्मेलन के तौर पर जाना जाता है। कई अखाड़ों के साधु और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं। यह उत्सव 58 दिनों तक चलेगा और 25 सितंबर को खत्म होगा। शाही स्नान की तिथियों पर नासिक में लगभग 80 लाख और त्र्यंबकेश्वर में 25-30 लाख लोगों के जुटने की संभावना है।

आइये जानते हैं इसके मुख्य स्नान के बारे में।
 
1. नासिक में शाही स्नान 29 अगस्त, 13 सितंबर और 18 सितंबर को होगा।
2. त्र्यंबकेश्वर में शाही स्नान की तिथि 29 अगस्त, 13 और 25 सितंबर हैं।
 
कुंभ मेले का आयोजन हरिद्वार, इलाहाबाद (प्रयाग), नासिक और उज्जैन में किया जाता है। हिन्‍दू पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवताओं और दैत्यों के बीच अमृत कुंभ को लेकर संघर्ष हुआ था जिसके बाद इन चार स्थानों में अमृत कुंभ से कुछ बूंदें गिर गई थीं। 
 
हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से यह हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन होता होता है। इस बार 2016 में इसका आयोजन उज्जैन में होगा। धारणा है कि कुंभ के दौरान इन स्थानों में नदियों में पवित्र स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Diwali Skincare : त्योहार के दौरान कैसे रखें अपनी त्वचा का ख्याल

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

Muhurat Trading: मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान क्या करते हैं और इससे किसे लाभ होता है?

गोवा में नरक चतुर्दशी पर नरकासुर के पुतला दहन के साथ होता है बुरे का अंत, यहां भगवान श्रीकृष्ण हैं दिवाली के असली हीरो

Ahoi ashtami vrat katha: अहोई अष्टमी की पौराणिक कथा

Show comments