Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

यात्रा संस्मरण : सफर..

Webdunia
हम लोग लखनऊ से देहरादून वापस जा रहे थे। परिस्थिति कुछ ऐसी बनी कि मेरे और पतिदेव के कोच अलग-अलग हो गए। पति का कोच आगे और मेरा डिब्बा दो कोच छोड़ कर था। मेरे साथ मेरा दो महीने का बेटा भी था।



पति के साथ बड़ा बेटा था, तकरीबन ३ साल का। आधी रात के करीब मेरे पेट में अचानक तेज दर्द उठा किसी तरह चैन नहीं आ रहा था। ऐसी कोई दवा थी नहीं मेरे पास जिससे दर्द में आराम मिलता। गाड़ी मुरादाबाद स्टेशन पर रुकी थी। जब कुछ समझ न आया तो T.T से आग्रह किया कि दो कोच आगे से मेरे पति को बुला दें। ठंड की वजह से सारे खिड़की-दरवाजे बंद थे, जिससे कितना बहूमुल्य समय नष्ट हो गया।
 
इत्तेफाक से पति को कुछ अहसास सा हुआ कि कोई इनका नाम लेकर बुला रहा है, क्योंकि इनकी बर्थ दरवाजे से एकदम सटी हुई थी।
 
दरवाजा खोल बाहर झांका तो टी.टी ने बताया कि आपकी पत्नी की तबीयत काफी खराब है और वह आपको बुला रही हैं। बेटा सो रहा था, पर पापा के उतरते वो उठ बैठा और पापा से पुछा कि वे कहां जा रहे हैं। पापा ने तसल्ली दी कि वे बस अभी मम्मी को देख वापस आ रहे हैं। मेरे कोच तक पहुंचते सिग्नल लाल हो गया।
 
मुझे देख वापस हो लेने का सोच जैसे ही ये मेरे कोच में चढ़े गाड़ी चल दी। उतरने का सोचते कि गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली। मन मार इन्हें भी मेरी बोगी में रुकना पड़ा। इधर मैं दर्द से तड़प रही थी और उधर बेटा अकेला। जाने मन में कितने बुरे ख्याल सर उठाने लगे। मन ही मन हमने यही प्रार्थना की कि बेटा अपनी सीट पर ही बना रहे। जाने कितनी मन्नतें उस एक घंटे में हमने कर डाली। ऐसे समय उन टी.टी ने हमारा हर तरह से सहयोग दिया।
 
एक घंटे बाद बरेली स्टेशन आते ही मय सामान हम दूसरी बोगी की तरफ भागे। सामान ज्यादा, दर्द से बेहाल मैं और मेरी गोद में छोटा बेटा। बोगी तक पहुंचते हम मानसिक और शारीरिक तौर पर कितने बेहाल हो गए थे यह हमसे ज्यादा कौन समझ सकता है।
 
बोगी में पहुंचकर देखा कि बेटा रोते-रोते थक कर सो गया था। उसके गालो में बह कर सुख चुके आसुंओं की लकीर बनी थी। जब उसको जगाया तो बेटा हमें सामने पा हलक-हलक कर रोया। आंसुओ से हमारी आंखे भी नम थी पर वे खुशी के आंसु थे जो बेटे को सही-सलामत पा लेने पर बह निकले थे। मुझे फुड-पॉइजनिगं हो गई थी। तेज बुखार और उल्टियों से हाल बेहाल था।
 
वो सफर बेटे और हमारे मन में कई बरसों तक चस्पा रहा और याद रही उन टी.टी की सज्जनता, जिन्होनें ऐसे नाजुक समय में हमारी मदद की।                        
         
 
       
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

Diwali Skincare : त्योहार के दौरान कैसे रखें अपनी त्वचा का ख्याल

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

पपीते का ये हिस्सा जिसे बेकार समझकर फेंक देते हैं, फायदे जानकर आज से ही करने लगेंगे स्टोर

આગળનો લેખ
Show comments