गोवा : एक मनपसंद शहर, जहां हर आदमी रखता है घूमने की ख्वाहिश...
जनश्रुति के अनुसार गोवा की रचना भगवान परशुराम ने की थी। उन्होंने अपने बाणों से समुद्र को कई योजन पीछे धकेल दिया था। आज भी गोवा के कई स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली इत्यादि है। उत्तरी गोवा में हरमल के पास भूरे रंग का एक पर्वत है। इसे परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है।
ऐतिहासिक दृष्टि से गोवा के बारे में सबसे पहले महाभारत में लिखा गया था। उस समय गोवा का नाम गोपराष्ट्र अर्थात गाय चराने वाले का देश हुआ करता था। माना जाता है कि गोवा गोपराष्ट्र का ही अपभ्रंश है। गोवा राज्य मुख्यतः 3 भागों में बंटा हुआ है- (1) पणजी अथवा पंझिम, (2) मडगांव, (3) वास्को दा गामा।
एक ऐसा राज्य, जिसका नाम सुनते ही याद आता है, दूर तक फैला समुद्र का किनारा, उन्मुक्त जीवनशैली, थिरकते कदम और काजू से बनी लाजवाब फेनी। लेकिन गोवा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं... हो-हल्ले के इस प्रदेश में कई ऐसे बेहतरीन रिसॉर्ट्स हैं, जहां लोग शांति की तलाश में आते हैं।
सिर्फ यहां के खूबसूरत इलाके ही नहीं, बल्कि पर्यटन से जुड़ी हर तरह की सुविधाएं हैं। यहां जगह-जगह पर ट्रैवल एजेंसियों के छोटे-छोटे दफ्तर बने हुए हैं, जो पर्यटकों को गोवा के सारे इलाकों की सैर कराते हैं। यहां की सेवाएं इतनी उम्दा हैं कि देशी तो क्या, विदेशी पर्यटकों तक को भी किसी तरह की तकलीफ नहीं होती। इसीलिए इसे 'पर्यटकों का शहर' कहा जाता है।
यदि आप गोवा जाने का सोच रहे हैं तो किसी भी ट्रैवल एजेंसी से अग्रिम टिकट ले लें ताकि गोवा पहुंचने के दूसरे ही दिन से गोवा की सैर शुरू हो जाए। अच्छा होगा कि आप अपने सफर की शुरुआत उत्तरी गोवा से करें और दूसरे दिन पहुंच जाएं पणजी के लिए एलथीनो हिल।
गोवा में देखने योग्य स्थान- पणजी, वास्को दा गामा, मारगांव, मापुसा, पोंडा, ओल्ड गोवा, छापोरा, वेगाटोर, बेनॉलिम, दूधसागर झरने आदि।
धार्मिक स्थल- बैसिलिका ऑफ बॉम जीसस (सेंट कैथरीन्स), कैथेड्रल ऑफ सेंट काजेतान, श्री दत्त मंदिर, चर्च ऑफ सेंट फ्रांसिस, मंगेश श्री महालसा।
सांस्कृतिक स्थल- अगुडा किला, संग्रहालय, पुरामहत्व का संग्रह।
समुद्र तट- डोना पॉला, मीरमार, बोग्मालो, अंजुना, वेगाटोर, कोल्वा, केलनगुटे बांगा, पालोलेम, आराम बोल।
नेशनल पार्क- बोंडला अभयारण्य, कावल वन्यप्राणी अभयारण्य, कोटिजाओ वन्यप्राणी अभयारण्य।
बजट कैसा हो - गोवा एक ऐसा राज्य है, जहां का पर्यटन आपकी जेब के मुताबिक बदलता रहता है। यहां आप 5-10 हजार से लेकर 5 लाख तक जैसा चाहे बजट बना सकते हैं। यहां सस्ते होटलों से लेकर महंगे रिसॉर्ट तक सब उपलब्ध हैं। वैसे यदि आप गोवा पीक सीजन में घूमने जा रहे हैं तो बुकिंग पहले से करवा लें, यह आपके और आपकी जेब दोनों के लिए मुनासिब होगा।
कहां ठहरें- गोवा पर्यटन विभाग ने समुद्र किनारे-किनारे अनेक टूरिस्ट होम और हट बना रखे हैं। इसके साथ ही बेड सुविधा भी उपलब्ध है।
कैसे पहुंचें- सड़क मार्ग- मुंबई से बस या टैक्सी से गोवा पहुंचा जा सकता है। अन्य समीपवर्ती शहरों से भी गोवा सड़क मार्ग से जुड़ा है।
जलपोत सेवा- मुंबई से गोवा के बीच आमतौर पर कैटामारान (बड़ी नाव) सेवा भी चलती है। यह अक्टूबर से मई माह के दौरान संचालित होती है।
रेलमार्ग- कोंकण रेलवे (मुंबई से बेंगलुरु) सर्वाधिक आकर्षक रेलमार्ग है। यह रेल लाइन गोवा से गुजरती है और इस पर यात्रा करने वाले इस क्षेत्र की मनोहारी सुंदरता आसानी से देख सकते हैं।
हवाई मार्ग- मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोचिन और तिरुअनंतपुरम से गोवा के लिए सीधी उड़ानें हैं। पणजी से 26 किलोमीटर दूर दक्षिणी गोवा में स्थित डाबोलिम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का हवाई अड्डा है। विदेशी पर्यटकों के लिए मुंबई प्रमुख हवाई अड्डा है। वैसे गोवा के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी हैं।