Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

जन-गण-मन : एक परिचय

Webdunia
बांग्ला साहित्य के शिरोमणि कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित जन-गण-मन एक विशिष्ट कविता है। इस कविता के पहले छंद को राष्ट्रगान के रूप में गाया जाता है। 
 
कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित 
 
सगायन अवधि- 52 सेकंड 
 
24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान को मान्यता
 
27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार गाया गया
 
संगीत में पांच अंतरें हैं
 
कंपोजर- रामसिंह ठाकुर

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

By election results 2024: यूपी उपचुनाव में भाजपा को भारी बढ़त, बंगाल में TMC का जलवा

कैलाश विजयवर्गीय बोले- देवेंद्र फडणवीस बनें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

LIVE: झारखंड में रुझानों में हेमंत सोरेन की सरकार, JMM गठबंधन को कितनी सीटें

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार, महागठबंधन का हाल बेहाल

LIVE: महाराष्ट्र में महायुति की प्रचंड जीत, फडणवीस ने बताया- कौन बनेगा CM

આગળનો લેખ
Show comments