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World Bamboo Day: क्यों मनाया जाता है विश्व बांस दिवस, जानें इतिहास और 5 खास बातें

World Bamboo Day: क्यों मनाया जाता है विश्व बांस दिवस, जानें इतिहास और 5 खास बातें

WD Feature Desk

, बुधवार, 18 सितम्बर 2024 (16:40 IST)
Highlights 
 
* क्यों मनाया जाता है विश्व बांस दिवस।
* बांस सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा माना जाता है।
* बांस की उपयोगिता के बारे में जानें। 
 
Bamboo Day 2024: हर साल 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बांस का धार्मिक महत्व, उसके उपयोग और लाभ के प्रति लोगों को जागरूक करना है। बता दें कि भारतभर में करीबन 13.96 मिलियन हेक्टेयर में बांस की खेती की जाती है। प्रकृति-पर्यावरण के लिए भी बांस को काफी अच्छा माना जाता है। सदियों से बांस मानवीय जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। अत: बांस की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए ही प्रतिवर्ष 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस यानि वर्ल्ड बैंबू डे मनाया जाता है। 
 
कैसे हुई विश्व बांस दिवस की शुरुआत, इतिहास जानें- वर्ष 2009 में विश्व बांस दिवस यानि वर्ल्ड बैम्बू डे मनाने की शुरुआत ‘वर्ल्ड बैम्बू ऑर्गेनाइजेशन’ द्वारा की गई थी, जिसके अनुसार बांस को अधिक से अधिक उगाने और इसके उपयोग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। बाकी पेड़ों के तुलना में बांस बहुत तेजी से विकसित होने वाला या सबसे तेजी से बढ़ने वाले पौधा माना जाता हैं।
 
आपको बता दें कि बांस सबसे अधिक भारतीय उप-महाद्वीप, दक्षिण-पूर्व एशिया तथा प्रशांत महासागर के द्वीपों पर पाए जाते हैं। और यह कटाई के बाद स्वत: ही पैदा हो जाता है, ऐसा कहा जाता है। बांस अन्य पेड़ों से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। यह ग्रीन हाउस गैसों को अवशोषित करने के साथ-साथ ‘कार्बन सिंक’ के तौर पर भी काम करता है।

आइए यहां बांस से जुड़े कुछ खास तथ्य और बातें....
 
* भारतीय परंपराओं के अनुसार बांस का पेड़ घर के आसपास लगाना शुभ कहा गया है, लेकिन बांस जलाने से पितृ दोष लगता है, अत: भारतीय धर्म बांस को जलाना निषिद्ध बताया गया है। इससे वंश नष्ट होने की भी मान्यता प्रचलित है। 
 
* ज्योतिष और फेंगशुई की मान्यतानुसार घर के आसपास बांस का होना भाग्यवर्धक है, लेकिन इसे जलाने से अच्छे भाग्य का नाश होकर दुर्भाग्य घटित होता है। यह बुरी आत्माओं को घर से दूर रखने में भी कारगर माना जाता है।
 
* फेंगशुई में बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक स्वरूप माने जाने के कारण वर्तमान समय में घरों को आकर्षक बनाने हेतु बांस का प्रयोग अधिक किया जाने लगा है। भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांसुरी रखते थे, क्योंकि बांसुरी बांस से बनती है। 
 
* इतना ही नहीं आप घर में बांस के पौधों का चित्र लगाकर शक्तिशाली बनने के साथ ही लंबी आयु भी पा सकते सकते हैं, क्योंकि घर में बांस का होना अच्छे भाग्य का संकेत माना जाता है। 
 
* बांस का इस्तेमाल खासतौर पर बांस का अचार तथा खेत में वृक्षों पर मचान, डलिया, टोकरी, कागज, बांस के डंडे या लट्ठ, छतरी, चटाई, बल्ली, सीढ़ी, खिलौने, अगरबत्ती, झोपड़ी, नाव, चारपाई, सीढ़ी, मंडप, फर्नीचर में सोफा, कुर्सी, अलमारी, कृषि यंत्र, अर्थी आदि जरूरत की वस्तुएं बनाने में किया जाता हैं तथा इन सभी में बांस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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