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World Sun Day : 03 मई को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय सूर्य ऊर्जा दिवस

World Sun Day : 03 मई को क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय सूर्य ऊर्जा दिवस

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 3 मई 2024 (11:59 IST)
World Sun Day 3 May
 
HIGHLIGHTS
 
• सूर्य दिवस का इतिहास।
• अंतर्राष्ट्रीय सूर्य दिवस कब मनाया गया।
• भारत में सौर ऊर्जा की पहल।

World Sun Day : हर साल 3 मई को अंतरराष्ट्रीय सूर्य दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है, अत: भारत में भी सौर ऊर्जा के उपयोग के बारे में बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा संयंत्र की शुरुआत की गई है। आइए जानते हैं इस दिन के बारे में रोचक जानकारी...
 
HISTORY OF SUN DAY: यह दिन यानी अंतरराष्ट्रीय सूर्य ऊर्जा दिवस हर वर्ष मई की शुरुआत में मनाया जाता है। सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा और जीवन का एकमात्र मुख्य स्रोत माना गया है। हमारे सौरमंडल के केंद्र में सूर्य 4.5 अरब वर्ष पुराना तारा माना गया है। सूर्य का आकार या व्यास 1372400 यानी 1.3927 मिलियन है। 
 
वेदों के अनुसार सूर्य जगत की आत्मा है। वैज्ञानिक के अनुसार यह जलता हुआ विशाल पिंड यानी यह एक विशालकाय तारा है। सूर्य एक आग का गोला है जो अपनी जगह स्थिर रहकर गोल-गोल घूमता रहता है। और इसके आसपास करीब आठ ग्रह और सैंकड़ों उपग्रह अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। सूर्य पृथ्वी ग्रह पर जीवन की अनुमति देता है। सूर्य के प्रकाश में हर तरह के रोग को मिटाने की क्षमता भी होती है।
 
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य मौसम, ऋतुओं, जलवायु, समुद्री धारा आदि को संचालित करता है, यह प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से पौधों के जीवन को संभव बनाता है। अत: इस दिन विशेष तौर पर पूरी दुनिया में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 
 
अंतरराष्ट्रीय सूर्य ऊर्जा दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1994 में इंटरनेशनल सोलर एनर्जी सोसाइटी (international solar energy society) के यूरोपीय अनुभाग द्वारा सूर्य के नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। जिसमें सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को तापीय/ विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। 
 
सूर्य ऊर्जा दिवस का प्रस्ताव अमेरिकी पर्यावरण अधिवक्ता डेनिस हेस द्वारा किया गया था। और 22 अप्रैल 1970 को आयोजित किए गए पहले पृथ्वी दिवस के समन्वयक के रूप में प्रसिद्ध हुए, क्योंकि उनका पृथ्वी दिवस के बाद सूर्य दिवस मनाने का विचार भी था। इस तरह राष्ट्रीय सूर्य दिवस वर्ष 1994 में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बना और 22 देशों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। 
 
आपको बता दें कि सौर ऊर्जा में कोई पैसा खर्च नहीं होता और प्रदूषण भी नहीं फैलता है। अत: पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ही यूरोप में इंटरनेशनल सोलर सोसाइटी के यूरोपीय प्रभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय सूर्य दिवस मनाने का विचार पेश किया गया। 
 
भारत में भी सौर ऊर्जा के महत्व को दर्शाने के लिए ही पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय सूर्य दिवस मनाया जाता है। अत: देश में ऊर्जा की जरूरत पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘सूर्योदय योजना’ भी शुरू की है, जिसका उद्देश्य भारत में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना है। इससे सूरज की रोशनी से बनी बिजली का दैनिक जीवन में उपयोग करके बिजली की खपत को कम करना है। अत: 3 दिन सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए याद की जाती है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


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