फेस्टिवल ऑफ कलर्स यानी होली। रंग-तरंग और उमंग का पर्व। होली खेलना तो सभी को अच्छा लगता है। लेकिन होली खेलने के बाद रंगों को छुड़ाने का दौर काफी मुश्किलों भरा रहता है। इस डर से बहुत से लोग तो होली खेलते ही नहीं हैं। लेकिन थोड़ी सी सावधानी से सेहत को बनाए रखते हुए भी होली खेली जा सकती है। हमने यहां रंग छुड़ाने के तरीके दिए हैं। होली की मस्ती में खोने से पहले इन्हें एक बार जरूर पढ़ लें-
आजकल केमिकल्स का रंगों में बहुत अधिक इस्तेमाल होता है, जिसका शरीर की त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए होली का आनंद लेने के बाद जितनी जल्दी हो सके, रंगों को छुड़ाएँ। इन्हें ज्यादा देर तक त्वचा पर लगा न रहने दें।
कपड़ों और सिर से जितना सूखा रंग झाड़ कर निकाल सकते हैं, निकाल दें। उसके बाद सूखे, मुलायम कपड़े से रंग छुड़ाएं।
रंगों को धीरे-धीरे छुड़ाएं। तेज रगड़ने से त्वचा में जलन होगी और अधिक रगड़ से त्वचा के छिलने का भी डर रहता है।
बेसन या आटे में नीबू का रस डालकर उससे रंगों को छुड़ा लें। चाहें तो नारियल के तेल या दही से त्वचा को धीरे-धीरे साफ कर सकते हैं।
रंग उतारने के लिए मिट्टी का तेल और केमिकल डिटर्जेंट या कपड़े धोने का साबुन इस्तेमाल में न लाएं।
बालों में से रंग निकालने के लिए पहले उन्हें अच्छे से झाड़ लें ताकि उनमें से सूखा रंग निकल जाए। फिर बाल सादे पानी से अच्छे धोएँ। बेसन या दही-आंवले से भी सिर धो सकते हैं। आंवले को एक रात पहले भिगोकर रख दें। इसके बाद बालों में शैंपू करें। शैंपू करने के बाद एक मग पानी में एक बड़ा चम्मच सिरका डालकर धो लें।
आंखों में रंग या गुलाल पड़ जाए, तो तुरंत आंखों को ठंडे पानी से धोएं। जलन कम न हो, तो एक कटोरी में पानी भर कर आंखों को उसमें डुबोकर पुतलियों को घुमाएं। थोड़ी देर के बाद गुलाबजल की कुछ बूंदें डालें और कुछ देर के लिए आंखों को बंद रहने दें। यदि संभव हो, तो आंखों के ऊपर-नीचे चंदन का लेप लगाएं और सूखने से पहले ही धो लें। आराम मिलेगा। आई ड्रॉप का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
रंग छुड़ाने के बाद त्वचा खुरदरी व सूखी हो जाती है और शरीर के खुले हुए भागों में जलन सी होने लगती है। त्वचा को पूर्व स्थिति में लाने के लिए चेहरे पर मॉइश्चराइजर और हाथ-पैरों में बॉडी लोशन लगाएं। इसके लिए घरेलू उबटन का भी उपयोग कर सकते हैं।
जरुरत लगने पर होली खेलने के बाद आप फेशियल, मैनिक्योर और पैडीक्योर आदि भी करा सकते हैं।