Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

holi puja vidhi : होलिका दहन व पूजन की प्रामाणिक विधि, 10 प्रमुख बातें

Webdunia
holi puja vidhi


होली ऐसा पर्व है जो पूरे भारत में लगभग एक स्‍वरूप में मनाया जाता है। हां, थोड़ा बहुत रूप और मनाने के रीति और रिवाजों में जरूर बदलाव हैं। रंगों की होली खेलने से पूर्व होलिका पूजन की परंपरा प्रचलित है। होलिका पूजन में इन 10 प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए एक नजर डालते हैं, होली की पूजा विधि पर...
 
होलिका दहन की प्रामाणिक पूजन विधि

होलिका दहन व पूजन विधि : आप नहीं जानते हैं होली पूजा कैसे करें तो यह सरल तरीका आपके लिए है
 
1 . होलिका दहन करने से पहले होली की पूजा की जाती है। पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को होलिका के पास जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। 
 
2. पूजा सामग्री : 
एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल आदि का प्रयोग करना चाहिए। इसके अति‍रिक्त नई फसल के धान्यों जैसे पके चने की बालियां व गेहूं की बालियां भी सामग्री के रूप में रखी जाती हैं।
 
3. इसके बाद होलिका के पास गोबर से बनी ढाल तथा अन्य खिलौने रख दिए जाते हैं।

 Holi 2020 :इस साल कब है होली, शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के साथ करें 5 उपाय
 
4. होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की चार मालाएं अलग से घर से लाकर सु‍‍रक्षित रख लेना चाहिए। 
 
5 . इनमें से एक माला पितरों के नाम की, दूसरी हनुमानजी के नाम की, तीसरी शीतलामाता के नाम की तथा चौथी अपने घर-परिवार के नाम की होती है।
 
6 . कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। 
 
7 . फिर लोटे का शुद्ध जल व अन्य पूजन की सभी वस्तुओं को एक-एक करके होलिका को समर्पित करें। 
 
8 . रोली, अक्षत व पुष्प को भी पूजन में प्रयोग किया जाता है। गंध-पुष्प का प्रयोग करते हुए पंचोपचार विधि से होलिका का पूजन किया जाता है। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें। 

ALSO READ: Holika dahan story : होलिका दहन क्यों? जानिए पौराणिक कथा
 
9. होलिका दहन होने के बाद होलिका में जिन वस्तुओं की आहुति दी जाती है, उनमें कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग प्रमुख है। सप्तधान्य : गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर भी अर्पित करें। 
 
10. होली की भस्म घर में लाकर रखनी चाहिए। 

ALSO READ: Holi 2020 : इस मंत्र के साथ लगाएं होली की भस्म शरीर पर, रहेंगी अशुभ शक्तियां दूर

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Pushya Nakshatra 2024: पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना चाहिए?

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

झाड़ू से क्या है माता लक्ष्मी का कनेक्शन, सही तरीके से झाड़ू ना लगाने से आता है आर्थिक संकट

30 को या 31 अक्टूबर 2024 को, कब है नरक चतुर्दशी और रूप चौदस का पर्व?

गुरु पुष्य योग में क्यों की जाती है खरीदारी, जानें महत्व और खास बातें

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 25 अक्टूबर 2024 का दैनिक राशिफल

25 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dhanteras Rashifal: धनतेरस पर बन रहे 5 दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

Rama ekadashi date time: रमा एकादशी कब है, क्या है इसका महत्व और कथा

આગળનો લેખ
Show comments