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Margashirsha Month 2023: मार्गशीर्ष माह का महत्व, कथा और 20 खास बातें

Margashirsha Month 2023: मार्गशीर्ष माह का महत्व, कथा और 20 खास बातें
Margashirsha Maas 2023: मंगलवार, 28 नवंबर 2023 से श्री कृष्ण का प्रिय मार्गशीर्ष (अगहन) शुरू हो गया है। शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष महीने का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से भी है। इसी नक्षत्र के कारण इस माह का नाम मार्गशीर्ष माह पड़ा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष माह की शुरुआत होती है, जो नौवां महीना माना गया है। पुराणों में इस माह की महिमा का वर्णन मिलता है।
 
इसकी महिमा स्वयं श्री कृष्ण भगवान ने गीता में बताई है। गीता के 10वें अध्याय के 35वें श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है-
 
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्।
मासानां मार्गशीर्ष Sहमृतूनां कुसुमाकरः।।
 
- अर्थात् गायन करने योग्य श्रुतियों में मैं बृहत्साम और छंदों में मैं गायत्री छंद हूं तथा महीनों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं हूं। 
 
मार्गशीर्ष मास की कथा: मार्गशीर्ष माह में भगवान श्री कृष्ण के बालरूप की कथा का श्रवण किया जाता है। इसमें माता यशोदा के जीवन को दर्शाया जाता है। 
 
जानें महत्व और खास बातें-
 
1. सतयुग में देवों ने वर्ष का आरंभ मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही किया था। 
 
2. साथ ही ऋषि कश्यप ने भी इसी महीने के दौरान कश्मीर नामक जगह की स्थापना की थी। 
 
3. मार्गशीर्ष मास के दौरान यमुना नदी में स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है।
 
4. मार्गशीर्ष महीने के दौरान यमुना नदी में स्नान करने से भगवान सहज ही प्राप्त होते हैं।
 
5. अतः जो लोग जीवन में भगवान का आशीर्वाद बनाए रखना चाहते हैं और हर संकट से छुटकारा पाना चाहते हैं, उन्हें मार्गशीर्ष के दौरान कम से कम एक बार यमुना नदी में स्नान करने अवश्य जाना चाहिए, लेकिन जिन लोगों के लिए ऐसा करना संभव नहीं है, वो लोग घर पर ही अपने स्नान के पानी में थोड़ा-सा पवित्र जल मिलाकर स्नान कर लें।
 
6. मार्गशीर्ष माह में कीर्तन करने तथा शास्त्रों का पाठ करने से अमोघ फल मिलता है।
 
7. अगर आप संतान की चाह रखते है तो श्री कृष्ण की आराधना करने मात्र से आपको संतान प्राप्ति का वरदान बहुत सरलता से प्राप्त हो सकता है।
 
8. इस महीने में सांवले सलौने भगवान श्री कृष्ण की उपासना करना और पवित्र नदियों, तट या सरोवर में स्नान करना विशेष शुभदायी होता है।
 
9. इस महीने में किए गए हर तरह के मंगल कार्य विशेष फलदायी होते हैं।
 
10. इस महीने पूरे मन से श्री कृष्‍ण की आराधना करने से चंद्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति भी होती है।
 
11. इस महीने कृष्‍ण मंत्रों, आरती, चालीसा, श्लोक, स्तुति आदि का पाठ विशेष फलदायी होता है।
 
12. इस महीने गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए। गायों की सेवा और उनकी उचित देखरेख करने से भी कृष्ण प्रसन्न होते है।
 
13. इस महीने गाय के शुद्ध घी का दीया कृष्‍ण मंदिरों में अवश्‍य चलाना चाहिए।
 
14. इसके अलावा श्री कृष्ण को अपना बनाने और उनकी कृपा पाने के लिए केवल प्रेम की साधना ही पर्याप्त है। 
 
15. इस महीने में अगर आप पूरे प्रेम भाव से श्री कृष्ण को पुकारेंगे तो निश्चित ही आपको इसका उचित फल देंगे।
 
16. इसके साथ ही इस महीने तेल मालिश करना शुभ फल प्रदान करता है। 
 
17. इन दिनों प्रतिदिन गीता का पाठ अवश्‍य करना चाहिए। इस पूरे महीने भर में मनुष्‍य पूरे विधि-विधान से श्री कृष्‍ण का ध्यान, जप-तप, व्रत-उपवास आदि करता है तो उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 
 
18. स्कंद पुराण के अनुसार श्री कृष्ण और राधा की कृपा पाने वाले मनुष्‍य को मार्गशीर्ष माह में व्रत, उपवास व निरंतर भजन, कीर्तन आदि करते रहना चाहिए। 
 
19. इस महीने कुछ वस्तुओं का प्रयोग करने की शास्त्रों में मनाही है। इस माह में जीरा खाने की मनाही हैं, अत: महीने भर जीरा नहीं खाना चाहिए तथा वसायुक्त भोजन करना चाहिए।
 
20. इसके साथ ही शाम के समय यानी संध्या काल में श्र‍ी कृष्ण और राधा की आराधना के साथ-साथ विष्‍णु जी और शिव जी के भजन-कीर्तन भी अवश्य करना चाहिए। 


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