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गीता जयंती : श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ कितना प्राचीन है?

गीता जयंती : श्रीमद्भागवत गीता ग्रंथ कितना प्राचीन है?
, गुरुवार, 21 दिसंबर 2023 (15:57 IST)
Shrimad Bhagwat Geeta: वेदों का सार उपनिषद है और उपनिषदों का सार गीता है। कुरुक्षेत्र के युद्ध में श्रीकृष्‍ण ने अपने मित्र अर्जुन को जो उपदेश दिए थे उन उपदेशों के संग्रह को ही गीता कहा जाता है। श्रीमद्भागवत गीता महाभारत के भीष्म पर्व का हिस्सा है। महाभारत में ही कुछ स्थानों पर उसका हरिगीता नाम से उल्लेख हुआ है। गीता सभी हिन्दू ग्रंथों का निचोड़ और सारतत्व है इसीलिए यह सर्वमान्य हिन्दू धर्मग्रंथ है। आओ जानते हैं कि यह कितना प्राचीन ग्रंथ है।
 
5160वीं गीता जयंती : प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस बार 23 दिसंबर शनिवार 2023 के दिन गीता जयंती मनाई जाएगी। इस साल 2023 को परंपरा से गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इस मान से हम यह मान सकते हैं कि गीता नामक ग्रंथ 5160 वर्ष पुराना है। हो सकता है कि इसे ग्रंथ की शक्ल में बाद में निर्मित किया गया होगा।
 
कब हुए थे श्रीकृष्ण : नए शोधानुसार 3112 ईसा पूर्व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। कलियुग का आरंभ शक संवत से 3176 वर्ष पूर्व की चैत्र शुक्ल एकम (प्रतिपदा) को हुआ था। वर्तमान में 1945 शक संवत चल रहा है। आर्यभट्‍ट के अनुसार महाभारत युद्ध 3137 ईपू में हुआ। इस युद्ध के 35 वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने देह छोड़ दी थी तभी से कलियुग का आरंभ माना जाता है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए का तीर लगने से हुई थी। तब उनकी तब उनकी उम्र 119 वर्ष थी। इसका मतलब की आर्यभट्ट की गणना अनुसार गीता का ज्ञान 5160 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था। इसी मान से ही इस बार 5160वीं गीता जयंती मनाई जा रही है।

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