Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Chaitra month 2021 : कब से लग रहा है चैत्र माह संवत 2078, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
अमावस्या के पश्चात चंद्रमा जब मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रकट होकर प्रतिदिन एक-एक कला बढ़ता हुआ 15वें दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्णता को प्राप्त करता है, तब वह मास 'चित्रा' नक्षत्र के कारण 'चैत्र' कहलाता है। इसे संवत्सर कहते हैं जिसका अर्थ है ऐसा विशेषकर जिसमें बारह माह होते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम माह होता है इसके बाद चैत्र माह का प्रारंभ हो जाता है। इस बार चैत्र माह का प्रारंभ अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 29 मार्च 2021 को प्रारंभ हो रहा है। माह की शुरुआत तो कृष्ण पक्ष एक से ही 29 मार्च को प्रारंभ हो जाएगी। परंतु प्रतिपदा से नववर्ष प्रारंभ होने के कारण 13 अप्रैल 2021 ने बड़ी नवरात्रि प्रारंभ होगी और इसी दिन गुड़ी पड़ा भी है। तभी से विक्रम संवत 2078 भी प्रारंभ हो जाएगा।
 
 
1. हालांकि हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा कहते हैं हिन्दी भाषी क्षेत्रों में नवसंवत्सर कहते हैं। हर प्रांत में इसका नाम अलग-अलग है। ईरान में इस तिथि को 'नौरोज' यानी 'नया वर्ष' मनाया जाता है। आंध्र में यह पर्व 'उगादिनाम' से मनाया जाता है। उगादिका अर्थ होता है युग का प्रारंभ, अथवा ब्रह्मा की सृष्टि रचना का पहला दिन। इस प्रतिपदा तिथि को ही जम्मू-कश्मीर में 'नवरेह', पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में 'गुडीपड़वा', सिंध में चेतीचंड, केरल में 'विशु', असम में 'रोंगली बिहू' आदि के रूप में मनाया जाता है। विक्रम संवत की चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से न केवल नवरात्रि में दुर्गा व्रत-पूजन का आरंभ होता है, बल्कि राजा रामचंद्र का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेक, सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगददेव का जन्म हुआ था।
 
2. फागुन और चैत्र वसंत के उत्सव के महीने हैं। इसी चैत्र के मध्य में जब प्रकृति अपने श्रृंगार की... सृजन की प्रक्रिया में होती है। लाल, पीले, गुलाबी, नारंगी, नीले, सफेद रंग के फूल खिलते हैं। पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं और यूं लगता है कि पूरी की पूरी सृष्टि ही नई हो गई है, ठीक इसी वक्त हमारी भौतिक दुनिया में भी नए का आगमन होता है।
 
3. प्राचीन काल में दुनिया भर में मार्च को ही वर्ष का पहला महीना माना जाता था। आज भी बहीखाते का नवीनीकरण और मंगल कार्य की शुरुआत मार्च में ही होती है। ज्योतिष विद्या में ग्रह, ऋतु, मास, तिथि एवं पक्ष आदि की गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही की जाती है। मार्च से ही सूर्य मास अनुसार मेष राशि की शुरुआत भी मानी गई है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

આગળનો લેખ
Show comments