Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Motivational Story : विश्वास की शक्ति

Motivational Story : विश्वास की शक्ति

अनिरुद्ध जोशी

, सोमवार, 24 फ़रवरी 2020 (11:10 IST)
एक बार नारदजी एक पर्वत से गुजर रहे थे। अचानक उन्होंने देखा कि एक वटवृक्ष के नीचे एक तपस्वी तप कर रहा है। नारद के दिव्य प्रभाव से वह जाग गया और उसने प्रणाम करके पूछा- हे नारद! मुझे प्रभु के दर्शन कब होंगे?
 
 
बार-बार आग्रह करने पर नारद ने बताया,  इस वृक्ष पर जितने पत्ते हैं उतने ही वर्ष और लगेंगे। नारदजी की बात सुनकर तपस्वी निराश होकर बोला- वर्षों तप करने के बाद भी अभी और तप करना होगा? इससे तो अच्छा था कि मैं गृहस्थी में रहकर पुण्य कमाता तो उससे ज्यादा फल मिलता। मैं बेकार ही तप करने आ गया। नारदजी उसकी बात सुनकर वहां से चले गए।
 
 
आगे जाकर संयोग से उन्हें एक और तपस्वी मिला। नारदजी को देखते ही वह उठ खड़ा हुआ और उसने भी प्रभु दर्शन में लगने वाले समय के बारे में पूछा। नारदजी ने कहा कि इस वृक्ष पर जितने पत्ते हैं उतने ही वर्ष अभी और लगेंगे।
 
 
उस तपस्वी ने जैसे ही यह सुना, वह खुश होकर नृत्य करने लगा कि प्रभु उसे दर्शन देंगे। उसने नारद से कहा- आज आपने मेरा विश्‍वास और बढ़ा दिया।
 
 
नारदजी मन ही मन सोच रहे थे कि इन दोनों तपस्वियों में कितना अंतर है। एक को अपने तप पर ही संदेह है। वह मोह से अभी उबर नहीं पाया और दूसरे को ईश्वर पर इतना विश्वास है कि वह वर्षों प्रतीक्षा के लिए तैयार है।
 
 
तभी वहां अचानक अलौकिक प्रकाश फैल गया और प्रभु प्रकट होकर बोले, ‘वत्स! नारद ने जो कुछ बताया वह सही था पर तुम्हारी श्रद्धा में इतनी गहराई है कि मुझे अभी और यहीं प्रकट होना पड़ा।’
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Phulera Dooj 2020 : क्या है फुलैरा दूज? कैसे मनाते हैं यह त्योहार