Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

World Book and Copyright Day 2020 : विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस आज

Webdunia
World Book Day Today
 

 
- डॉ. एमसी नाहटा 
 
उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था। 
 
इसकी नींव तो 1923 में स्पेन में पुस्तक विक्रेताओं द्वारा प्रसिद्ध लेखक मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करने हेतु आयोजन के समय ही रख दी गई थी। उनका देहांत भी 23 अप्रैल को ही हुआ था। मध्यकाल में 23 अप्रैल के दिन प्रेमी अपनी प्रेमिका को गुलाब का फूल भेंट करता था तो प्रेमिका उत्तर में अपने प्रेमी को एक पुस्तक देती थी। 
 
ऐसी एक फूल के बदले पुस्तक देने की परंपरा भी उस समय प्रचलित थी। 23 अप्रैल का दिन साहित्यिक क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है चूंकि यह तिथि साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी अनेक विभूतियों का जन्म या निधन का दिन है। उदाहरणार्थ 1616 में 23 अप्रैल को सरवेन्टीस, शेक्सपीयर तथा गारसिलआसो डी लाव्हेगा, मारिसे ड्रयन, के. लक्तनेस, ब्लेडीमीर नोबोकोव्ह, जोसेफ प्ला तथा मैन्युएल सेजीया के जन्म/ निधन के दिन के रूप में जाना जाता है। 
 
विलियम शेक्सपीयर के तो जन्म तथा निधन की तिथि भी 23 अप्रैल थी। अतः विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस का आयोजन करने हेतु 23 अप्रैल का चयन एक निश्चित विचारधारा के अंतर्गत किया गया। वर्तमान में यह आयोजन विश्व के 100 देशों में इंग्लैंड तथा आयरलैंड को अपवादस्वरूप छोड़कर किया जाता है। स्थानीय कारणों से इंग्लैंड तथा आयरलैंड में यह आयोजन 3 मार्च को होता है।
 
 
विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस 'इन्हेन्स बुक रीडिंग हैबिट्स' के एकमात्र महत्वपूर्ण उद्देश्य से प्रेरित है। इसके माध्यम से इस प्रवृत्ति को विशेषकर बच्चों में प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में 100 देशों में लाखों नागरिक, सैकड़ों स्वयंसेवी संगठन, शैक्षणिक, सार्वजनिक संस्थाएं, व्यावसायिक समूह तथा निजी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति 'विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस' मनाते हैं। 

 
इस पृष्ठभूमि तथा वर्तमान सामाजिक एवं शैक्षणिक वातावरण के परिणामस्वरूप विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस का ऐतिहासिक महत्व हो गया है।

पुस्तकें ज्ञान तथा नैतिकता की संदेशवाहक, अखंड सम्पत्ति, भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृति हेतु एक खिड़की तथा चर्चा हेतु एक औजार का काम करती हैं तथा भौतिक वैभव के रूप में देखी जाती हैं। इसके कारण रचनात्मक कलाकारों के स्वामित्व की रक्षा भी होती है। इस अवसर हेतु आयोजित जनजागरण कार्यक्रम का सकारात्मक प्रभाव समाज पर पड़ता है।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

Diwali 2024 : इस दीपावली अपने घर को इन DIY दीयों से करें रोशन

रात को सोने से पहले नाभि में तेल लगाने के हैं अद्भुत फायदे, जानकर हो जाएंगे हैरान

दिवाली पूजा के लिए कैसी होनी चाहिए लक्ष्मी जी की तस्वीर: जानिए नियम और पूजा विधि

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

इस बार दिवाली पर घर के कामों में ऐसे तय करें बच्चों की भागीदारी

આગળનો લેખ
Show comments