भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की आज पहली पुण्यतिथि हैं। 31 अगस्त 2020 को वे पंचत्तव में विलीन हो गए थे। कोरोना काल के दौरान अस्वस्थ होने के बाद वह भी कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। देश में अपना प्रमुख योगदान देने के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है। प्रणब दा अपने शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे । करीबी उन्हें प्यार से प्रणब दा कहते थे और दोस्त उन्हें पोल्टू दा कहते थे। पश्चिम बंगाल में जन्में प्रणब दा साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। लेकिन राजनीति में सक्रिय होने के बाद उन्होंने 5 दशक तक कार्य किया।
इंदिरा गांधी के करीबी थे प्रणब दा
गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति थे और कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता था। साल 2012 से 2017 तक वह राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहें। इससे पहले वह कांग्रेस में मुख्य रूप से सक्रिय रहें। 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बता दें कि वह इंदिरा गांधी के सबसे करीबी में से एक थे। इंदिरा गांधी उन्हें अपना विश्वासपात्र मानती थी।
लेकिन इंदिरा को पसंद नहीं था प्रणब दा के यह शौक
बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ है कि प्रणब दा को सिगार का बहुत शौक था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंदिरा गांधी ने प्रणब दा को रोकते हुए कहा था प्रणब दा के मुंह से कोई बात नहीं निकल सकती क्येांकि उनके मुंह से सिर्फ धुंआ निकलता है। इंदिरा गांधी को उनकी यह आदत बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। लेकिन प्रणब दा को सिगार पीने की लत बुरी तरह से थी। डॉक्टर ने उन्हें निकोटिन पीने से मना किया तो वह बिना निकोटिन के ही सिगार पीते थे। गौरतलब है कि उनके पास करीब 500 से भी अधिक पाइप का कलेक्शन था। कई पाइप उन्हें विदेश से गिफ्ट के तौर पर मिले थे। वह खानपान के भी बेहद शौकीन थे।