हिन्दी हमारे दिलों में बसती है। हिन्दी दिवस पर आइए जानते हैं क्या कहते हैं साहित्यकार, राजनेता और अन्य विद्वान...
मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती। भगवान भारतवर्ष में गूँजे हमारी भारती। - मैथिलीशरण गुप्त
संस्कृत मां, हिन्दी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है। - डॉ. फादर कामिल बुल्के
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। - भारतेंदु हरिश्चंद्र
समस्त भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपि आवश्यक हो तो वह देवनागरी ही हो सकती है। - (जस्टिस) कृष्णस्वामी अय्यर
है भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी भरी। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि है नागरी। - मैथिलीशरण गुप्त
संस्कृत की विरासत हिन्दी को तो जन्म से ही मिली है। - राहुल सांकृत्यायन
राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है। - महात्मा गाँधी
कैसे निज सोए भाग को कोई सकता है जगा, जो निज भाषा-अनुराग का अंकुर नहिं उर में उगा। - अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
हिन्दी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है। - माखनलाल चतुर्वेदी
हिन्दी भाषा का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है। - महात्मा गाँधी
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है। - महात्मा गाँधी
हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य को सर्वांगसुंदर बनाना हमारा कर्त्तव्य है। - डॉ. राजेंद्रप्रसाद
राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है। - अवनींद्रकुमार विद्यालंकार
हिन्दी का काम देश का काम है, समूचे राष्ट्रनिर्माण का प्रश्न है। - बाबूराम सक्सेना
हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है। - वी. कृष्णस्वामी अय्यर
हिन्दी साहित्य की नकल पर कोई साहित्य तैयार नहीं होता। - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है। - बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'
हिन्दुस्तान को छोड़कर दूसरे मध्य देशों में ऐसा कोई अन्य देश नहीं है, जहां कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। - सैयद अमीर अली मीर
सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में हिन्दी महानतम स्थान रखती है। - अमरनाथ झा
जीवन के छोटे से छोटे क्षेत्र में हिन्दी अपना दायित्व निभाने में समर्थ है। - पुरुषोत्तमदास टंडन
हिन्दी में हम लिखें,पढ़ें, हिन्दी ही बोलें। - पं. जगन्नाथप्रसाद चतुर्वेदी
देश में मातृ भाषा के बदलने का परिणाम यह होता है कि नागरिक का आत्मगौरव नष्ट हो जाता है। - सैयद अमीर अली मीर
नागरी वर्णमाला के समान सर्वांगपूर्ण और वैज्ञानिक कोई दूसरी वर्णमाला नहीं है। - बाबू राव विष्णु पराड़कर
स्वभाषा प्रेम, स्वदेश प्रेम और स्वावलंबन आदि ऐसे गुण हैं जो प्रत्येक मनुष्य में होने चाहिए। - रामजी लाल शर्मा
हिन्दी किसी के मिटाने से मिट नहीं सकती। - चंद्रबली पाण्डेय
आर्यों की सबसे प्राचीन भाषा हिन्दी ही है और इसमें तद्भव शब्द सभी भाषाओं से अधिक है। - वीम्स साहब
विदेशी भाषा में शिक्षा होने के कारण हमारी बुद्धि भी विदेशी हो गई है। - माधवराव सप्रे
हिन्दी पर ना मारो ताना, सभा बतावे हिन्दी माना। - नूर मुहम्मद
आप जिस तरह बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह लिखा भी कीजिए। भाषा बनावटी नहीं होनी चाहिए। - महावीर प्रसाद द्विवेदी
हिन्दी भाषा की उन्नति के बिना हमारी उन्नति असंभव है। - गिरधर शर्मा
भाषा ही राष्ट्र का जीवन है। - पुरुषोत्तमदास टंडन
जब हम अपना जीवन जननी हिन्दी, मातृभाषा हिन्दी के लिए समर्पण कर दें तब हम हिन्दी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - गोविन्ददास
नागरी प्रचार देश उन्नति का द्वार है। - गोपाल लाल खत्री
हिन्दी जैसी सरल भाषा दूसरी नहीं है। - मौलाना हसरत मोहानी
देश तथा जाति का उपकार उसके बालक तभी कर सकते हैं, जब उन्हें उनकी भाषा द्वारा शिक्षा मिली हो। - पं. गिरधर शर्मा
मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी के अध्ययन में लगावें। - विनोबा भावे
हिन्दी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। - स्वामी दयानंद
भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिन्दी भाषा का प्रचार है। - टी. माधवराव
जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह
समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिन्दी या हिन्दुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन
देश को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए एक भाषा की आवश्यकता है और वह भाषा है हिन्दी। - सेठ गोविंददास
हिन्दी के पौधे को हिन्दू-मुसलमान दोनों ने सींचकर बड़ा किया है। - जहूरबख्श
हिन्दी भाषा की उन्नति का अर्थ है राष्ट्र और जाति की उन्नति। - रामवृक्ष बेनीपुरी
अब हिन्दी ही माँ भारती हो गई है- वह सबकी आराध्य है, सबकी संपत्ति है। - रविशंकर शुक्ल
हिन्दी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। - कमलापति त्रिपाठी
जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
हिन्दी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - डॉ. राजेंद्रप्रसाद
हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है। - राहुल सांकृत्यायन
मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे
हिन्दी विश्व की महानतम भाषा है। - राहुल सांकृत्यायन
मनुष्य सदा अपनी मातृभाषा में ही विचार करता है। - मुकुन्दस्वरूप वर्मा
- हिन्दी के विरोध का कोई भी आन्दोलन राष्ट्र की प्रगति में बाधक है। -सुभाष चन्द्र बोस
-'मैं उन लोगों में से हूं,जो चाहते हैं और जिनका विचार है कि हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है।'
-बाल गंगाधर तिलक
- हिन्दी भारतवर्ष के करोड़ों नर-नारियों के हृदय और मस्तिष्क को खुराक देने वाली भाषा है -
हजारीप्रसाद द्विवेदी
- हिन्दी एक जानदार भाषा है। वह जितनी बढ़ेगी देश का उतना ही नाम होगा।