भारत में इंटरनेट क्रांति की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई जब सरकार ने आम जनता को इसके उपयोग की अनुमति दी। विदेश संचार निगम लिमिटेड की मामूली सी टेलीफ़ोन लाइन सूचनाओं के इस विश्वव्यापी महामार्ग का प्रवेशद्वार बनी।
कहने को तो इसकी उम्र आज केवल बीस वर्ष है लेकिन अपनी असीमित पहुँच के कारण आज यह दैनिक आवश्यकता की वस्तु बन गया है। सन् 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को भी इंटरनेट सेवा क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी।इसी साल देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई।
रेडिफ डॉट कॉम और इंडियाटाइम्स डॉट कॉम भी आरंभ हुई।सूचना प्रौद्योगिकी का उदय पश्चिमी देशों में होने के कारण इस युग में पूरी तरह से अंग्रेज़ी हावी थी। कंप्यूटर चलाने की भाषा हो या इंटरनेट की भाषा, हर जगह अंग्रेज़ी का परचम था। एक आम भारतीय अभी भी चुपचाप, दूर निराश बैठा था। कारण, इंटरनेट की भाषा उसकी अपनी भाषा नहीं थी...