लोग खुलकर अपनी सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बातें नहीं करते हैं, यहां तक कि अपने पार्टनर से भी ऐसी बातें करने में डरते हैं। एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है।
हाल ही में Badoo नाम के एक डेटिंग एप द्वारा जुटाए आंकड़े ये बताते हैं कि 52 फीसद लोग अपने पार्टनर से सेक्सुअल हेल्थ पर बात करने में हिचकिचाते हैं। चिंता की बात ये है कि पांच में से एक शख्स ने असुरक्षित शारीरिक संबंध भी बनाए, क्योंकि वे मूड खराब होने के डर से इस विषय पर बात करने से घबराते थे।
आंकड़े बताते हैं कि सेक्सुअल हेल्थ पर बातचीत के दौरान अजीब महसूस करना एक बेहद सामान्य अनुभव है। सर्वे में भाग लेने वाले आधे से ज्यादा लोग इस बात से चिंतित थे कि 'सेक्सुअल हेल्थ' के बारे में बात करने से लोग उन्हें जज करने लगेंगे। इसलिए कई लोग इस पर बात करने से बचते हैं।
डेटिंग एप पर सिंगल लोगों के लिए विश्व 'वर्ल्ड सेक्सुअल हेल्थ डे' के मौके पर एक एसटीआई टेस्ट भी बुक किया गया। एक्सपर्ट को उम्मीद है कि इससे लोगों में बढ़ रही चिंताएं कम होंगी।
यह लोगों को सामान्य सेक्सुअल हेल्थ चेक अप कराने के लिए भी प्रेरित करेगा। Badoo एप के मुताबिक, सेक्सुअल हेल्थ के विषय पर खुलकर बात करना 63 प्रतिशत लोगों को ही आकर्षक लगता है।
3 में से 1 डेटर्स ने यह कबूल किया कि महामारी के दौरान वे अपने पार्टनर के साथ ज्यादा ओपन रहे और उन्होंने सेक्सुअल हेल्थ पर पहले की तुलना ज्यादा खुलकर बातचीत की। जबकि एक-चौथाई लोग ऐसे भी मिले जो स्वास्थ्य का जोखिम बढ़ाने वाली परिस्थितियों में आने से बचते हैं।
सेक्सुअल रिलेशनशिप के बारे पांच में से दो लोगों का कहना था कि रिलेशनशिप के शुरुआती स्टेज की तुलना में उन्होंने ज्यादा ईमानदारी से रिश्ता निभाया है। हालांकि एक-तिहाई अभी भी बात शुरू होने से पहले माहौल गंभीर होने की प्रतीक्षा करते हैं।