Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अब ऐसे होगा सैनेटरी पैड का सुरक्षित निपटारा, आ गया है नया उपकरण

Webdunia
उमाशंकर मिश्र 
 
भारतीय शोधकर्ताओं ने ग्रीनडिस्पो नामक एक ऐसी पर्यावरण हितैषी भट्टी का निर्माण किया है, जो सैनिटरी नैपकिन और इसके जैसे अन्य अपशिष्टों के निपटारे में मददगार हो सकती है।  ग्रीनडिस्पो में 800 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर अपशिष्टों का त्वरित दहन किया जाता है, जो सैनेटरी नैपकिन और इस तरह के दूसरे अपशिष्टों के सुरक्षित निपटारे के लिए आवश्यक माना जाता है। 
 
इस भट्टी का निर्माण हैदराबाद स्थित इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई), नागपुर स्थित नेशनल राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) और सिकंद्राबाद की कंपनी सोबाल ऐरोथर्मिक्स ने मिलकर किया है। नागपुर के नीरी परिसर में सोमवार को ग्रीनडिस्पो की औपचारिक लॉन्चिंग की गई है। 
 
नीरी के निदेशक डॉ राकेश कुमार ने बताया कि “देश भर में करीब 43.2 करोड़ उपयोग किए गए सैनेटरी नैपकिन हर महीने फेंक दिए जाते हैं। भविष्य में यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है। सैनेटरी नैपकिन का सही ढंग से निपटारा न होने से चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं क्योंकि उपयोग किए गए सैनेटरी नैपकिन में कई तरह के रोगाणु होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं। कई बार उपयोग के बाद सैनेटरी नैपकिन इधर-उधर फेंक देने से जल निकासी भी बाधित हो जाती है।”
 
डॉ कुमार ने बताया कि “ग्रीनडिस्पो के खासतौर पर डिजाइन किए गए हीटर्स 800 डिग्री सेल्सियस से अधिक ताप पैदा करते हैं। इसकी मदद से उपयोग किए गए सैनेटरी नैपकिन एवं इस तरह के अन्य अपशिष्टों को न्यूनतम गैसों के उत्सर्जन से पूरी तरह सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकता है। हानिकारक गैसों के उत्सर्जन को रोकने के लिए इस भट्टी में 1050 डिग्री सेल्सियस तापमान पैदा करने वाला एक अन्य चैंबर भी लगाया गया है।”
 
एआरसीआई के निदेशक डॉ जी. पद्मनाभन के मुताबिक, “सिरेमिक सामग्री के उपयोग से इस उपकरण को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जो तापमान के समुचित उपयोग में मददगार है। इसके खास डिजाइन की वजह से दहन में   कम समय लगता है और ऊर्जा की खपत कम होती है।” 
 
सोबाल ऐरोथर्मिक्स से जुड़े वीवीएस राव के अनुसार, “ग्रीनडिस्पो 800 वाट एवं 1000 वाट की क्षमता और 2-3 घन फीट के आकार में उपलब्ध है। इसका उपयोग ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों, ऑफिस और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किया जा सकता है। ग्रीनडिस्पो के उत्सर्जन और इसकी उपयोगिता की जांच के लिए इसके प्रोटोटाइप का परीक्षण नागपुर स्थित नीरी परिसर में किया गया है।”
 
नीरी को पर्यावरण अभियांत्रिकी एवं गैस उत्सर्जन नियंत्रण, एआरसीआई को सीरेमिक प्रोसेसिंग और सोबाल ऐरोथर्मिक्स को ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए नए डिजाइन एवं निर्माण के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। ग्रीनडिस्पो को बनाने के लिए इन तीनों संस्थानों की विशेषज्ञता का उपयोग किया गया है। 
 
वीवीएस राव के अनुसार पैड बर्न नाम से मैसर्स गर्ल केयर द्वारा ग्रीनडिस्पो की मार्किटिंग देश भर में की जाएगी।
(इंडिया साइंस वायर)
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

Diwali Skincare : त्योहार के दौरान कैसे रखें अपनी त्वचा का ख्याल

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

આગળનો લેખ
Show comments