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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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World Thalassemia Day 2023: क्या है इतिहास? जानिए 2023 theme

World Thalassemia Day 2023: क्या है इतिहास? जानिए 2023 theme
world Thalassaemia Day 2023 
 
हर साल 8 मई को वर्ल्ड थैलेसीमिया डे मनाया जाता है ताकि विश्वभर में आम जनता एवं निर्णयकर्ता को इस घातक रोग के बारे में जागरूक किया जा सके। थैलेसीमिया एक खून की बीमारी है और इस दिवस के ज़रिए थैलेसीमिया के मरीजों के कठिन संघर्षों के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही इस दिवस को थैलेसीमिया के मरीज़ों को समर्पित किया जाता है जो अब हमारे बीच नहीं रहे। 
 
चलिए इस लेख के ज़रिए जानते हैं वर्ल्ड थैलेसीमिया डे से जुड़ी जानकारी के बारे में......
 
कैसे हुई वर्ल्ड थैलेसीमिया डे की शुरुआत?
 
इस दिवस की शुरुआत 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा की गई थी। थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन की स्थापना 1986 में पैनोस इंग्लेज़ोस द्वारा की गई थी। पैनोस इंग्लेज़ोस थैलेसीमिया के मरीज़ थे और उनके माता-पिता यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, ग्रीस, इटली और साइप्रस में नेशनल थैलेसीमिया एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते थे। इस दिवस को पहली बार पैनोस के बेटे जॉर्ज की याद में मनाया गया, जिसका निधन इस बीमारी के कारण हुआ था।
 
क्या है वर्ल्ड थैलेसीमिया डे 2023 की थीम?
 
इस साल वर्ल्ड थैलेसीमिया डे की थीम "Be Aware. Share. Care: Strengthening Education to Bridge the Thalassaemia Care Gap.’’ निर्धारित की गई है। इस थीम के ज़रिए लोगों को थैलेसीमिया रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा और साथ ही यह प्रयास किया जाएगा कि थैलेसीमिया के मरीजों को बेहतर और लंबी ज़िन्दगी जीने के लिए पूरी देखभाल की जाए।
 
क्या है थैलेसीमिया की बीमारी?
 
थैलेसीमिया एक जेनेटिक बीमारी है जो बच्चों को उनके माता-पिता के द्वारा होती है। ये एक घातक बीमारी है जिसके कारण शरीर में हीमोग्लोबिन प्रोड्यूस (hemoglobin produce) होने की क्षमता प्रभावित होती है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में मौजूद एक ज़रूरी प्रोटीन है। इस प्रोटीन की कमी को एनीमिया कहा जाता है। थैलेसीमिया के कारण व्यक्ति को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलती है और उसका शरीर सही तरह से विकसित नहीं हो पाता है। साथ ही इस बीमारी के कारण व्यक्ति को कई तरह की शारारिक समस्या होती हैं।
 
थैलेसीमिया होने पर शरीर में क्या समस्याएं होती हैं?
 
-हड्डियों का कमज़ोर होना या विकृति हो जाना
-शरीर का विकास धीमी गति से होना 
-बहुत ज़्यादा थकान होना 
-त्वचा का रंग पीला पड़ना
-भूख न लगना
-एनीमिया। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


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