आंखों के बिना किसी कार्य को करने में हम असमर्थ हैं। मनुष्य के शरीर में आंखें वह अंग हैं जिसका सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। आंखें वह इन्द्रियां होती हैं जिससे हम दुनिया को देख सकते हैं। हमारे शरीर की समस्त ज्ञानेन्द्रियों में आंखें सबसे प्रमुख ज्ञानेन्द्रियां हैं।
वैसे तो प्रकृति ने हमारी आंखों की रक्षा का प्रबंध बहुत ही कुशलता से कर रखा है। आंखों की बनावट इस प्रकार की है कि हडि्डयों से बने हुए कटोरे इनकी रक्षा करते हैं। आंखो के आगे जो दो पलकें होती हैं वे आंखों में धूल तथा मिट्टी तथा अन्य चीजों से रक्षा करती है। आंखों की अन्दरुनी बनावट भी इस प्रकार की है कि पूरी उम्र भर आंखें स्वस्थ रह सकती हैं। सिर्फ आंखों की अन्दरूनी रक्षा के लिए उचित आहार की जरुरत होती है जिसके फलस्वरूप आंखें स्वस्थ रह सकती हैं। सभी व्यक्तियों की आंखें विभिन्न प्रकार की होती हैं तथा उनके रंग भी अलग-अलग हो सकते हैं।
आजकल हम सभी व्यक्तियों को मजबूरी में चीजों को पास से देखना पड़ता है क्योंकि गंदगी, धूल तथा धुंआ इतना बढ़ गया है कि हमारी आंखें स्वस्थ नहीं रह पाती हैं। आंखों की सुरक्षा के लिए पलकें भी होती हैं जो आंखों को हवा, धूल तथा मिट्टी से बचाती हैं। अश्रु-ग्रन्थियां आंसुओं को आंख से बाहर निकालकर आंखों की धूल मिट्टी साफ कर देती हैं। आंसुओं में लाइसोजाइम नामक एन्जाइम होता है, जो आंखों के रक्षक का काम करता है और आंखों में संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है। फिलहाल हम आपको बता रहे हैं आंखों की सुरक्षा के अचूक उपाय.. जानिए कौन सी 3 चीजें ऐसी हैं जो आंखों को चमकदार और स्वस्थ बनाती हैं।
एलोवेरा -
एलोवेरा का इस्तेमाल शरीर की बीमारियों को दूर करने के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा एंव बालों के लिए भी फायदेमंद है। एलोवेरा कई तरह की बीमारियों में उपचार गुणों के लिए जाना जाता है। यह आंखों पर बेहद आरामदायक प्रभाव डालता है। इसमें एंटीमाइक्रोबायल कंपाउंड और एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो आंखों में दर्द के कारणों का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच एलोवेरा जेल लीजिए और दो बड़े चम्मच ठंडे पानी में मिला दीजिए। फिर रुई को इसमें भिगोकर 10 मिनट के लिए पलकों पर रखें। आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं। आंखों को अनूठी शीतलता का अहसास होगा।
गुलाब जल -
तवचा की समस्या को दूर करने के लिए गुलाब जल का इस्तेमाल करना बहुत ही लाभकारी होता है। यह स्किन को साफ करने के साथ ही अपने एंटी-बैक्टीरियल गुण से संक्रमण भी दूर करता है। जब आंखों में दर्द और थकावट से राहत चाहिए तो गुलाब जल एक जाना माना घरेलू उपाय है। आप तुरंत कूल और राहत महसूस करेंगे। इसके लिए आप कॉटन को पानी में डुबोएं और इसे 10 से 15 मिनट के लिए बंद पलकों पर रखें। यदि आपको अच्छे परिणाम चाहिए तो ठंडे गुलाब जल प्रयोग में लाएं।
सेब का सिरका -
सेब के सिरके में मौजूद कैल्शियम, पोसोडियम, टैशियम, क्लोरीन तथा आयरन आदि तत्व त्वचा के पोषण के लिए अति आवश्यक होते हैं। आंखों की देखभाल एवं घरेलु नुस्खे में सेब का सिरका भी शामिल है। यह उपाय संक्रमण के कारण होने वाली आंखों में दर्द से तत्काल राहत दे सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एसीवी या सेब का सिरका में मैलिक एसिड होता है, जो आंखों को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। इसके लिए आप दो बड़े चम्मच पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। फिर इसमें कॉटन बॉल को डुबोएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसे अपने पलको पर रखें। इसे दिन में एक या दो बार जरूर करें।
विशेष :
तिल के 5 ताजे फूल प्रात:काल अप्रैल माह में निगलें। इससे पूरे वर्ष आंखें नहीं दुखेंगी। मई के महीने में गोरखमुंडी के 5 या 7 ताजे फूल चबाकर पानी के साथ सेवन करने से आंखों की ज्योति बढ़ती है। जून में बेलगिरी के बीज की मिंगी शहद में मिलाकर चाटने से जीवनभर आंखें नहीं दुखती।
नींबू के रस की एक बूंद महीने में एक बार आंखों में डालने से कभी आंखें नहीं दुखती। रुई के फाहे को ठंडे पानी में भिगोकर शुद्ध घी लगाकर आंखों पर रखने से आंखों के दर्द में लाभ मिलता है। हरी दूब पीसकर उसका रस आंखों के ऊपर लेप करने से आंख का दर्द मिटता है।