एंग्जाइटी आज के वक्त में सबसे बड़ी समस्या बन गई है। बदलती लाइफस्टाइल के साथ युवा वर्ग भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। जहां 40 से अधिक आयु के लोग बीमारी से जूझ रहे हैं वहीं 18 से 30 साल तक के युवा वर्ग सुसाइड को एंग्जाइटी का समाधान मान लेते हैं। अपनी हेल्थ को नजरअंदाज करने वाले इस बीमारी का सबसे अधिक शिकार हो रहे हैं। द लैंसेट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2017 तक 19 करोड़ 73 लाख लोग मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। मतलब कुल 15 फीसदी आबादी इस बीमारी का शिकार है। रिपोर्ट के मुताबिक 7 में से 1 भारतीय मानसिक रूप से बीमार है। जिसमें से 4 करोड़ 49 लाख एंग्जाइटी का शिकार है। लेकिन एक शोध में सामने आया है कि रोज व्यायाम करने से 60 फीसदी तक एंग्जाइटी का खतरा कम हो जाता है।
जर्नल फ्रंटियर साइकियाट्री में छपी रिपोर्ट में व्यायाम करने से एंग्जाइटी का खतरा टल जाता है। यह शोध 20 साल तक 4 लाख लोगों पर किया गया। स्वीडन की लुंड विश्वविद्यालय द्वारा यह शोध पूरा किया गया है। वहीं यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपरिमेंटल मेडिकल साइंस में सामने आया कि 21 साल तक के वक्त तक एंग्जाइटी से संबंधित परेशानियां लगभग 60 फीसदी तक कम था। योग व्यक्ति को शारीरिक रूप से एक्टिव कर चिंतामुक्त करता है।
मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखता है व्यायाम
जी हां, अगर आप सच में तनाव मुक्त रहना चाहते हैं तो डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं साथ ही प्रतिदिन व्यायाम करें। उसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें। आप किसी भी प्रकार का व्यायाम कर सकते हैं। अगर आप किसी प्रकार की मेडिसिन ले रहे हैं तो वह आपको आराम देगी लेकिन व्यायाम से तेजी से आराम मिलेगा। इसलिए रोज व्यायाम जरूर करें।