Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

रेडिमेड जूस में 'पैक' है जहर, हर हाल में रहें बचकर... बच्चों के दिमाग के लिए है बेहद घातक

Webdunia
फल हों या फलों का ताजा जूस, सेहत के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। लेकिन आपके जरा से आलस या गलती के चलते ये अमृत, जहर में भी बदल सकता है। जी हां, भले ही आपको जानकर हैरानी हो, लेकिन आपकी सिर्फ एक गलती आप तक इसके फायदे पहुंचाने के बजाए सिर्फ नुकसान पहुंचा रही है, वह भी बेहद घातक नुकसान।
 
आपकी यह गंभीर गलती है घर पर जूस बनाने के बजाए, बाजार से पैकेज्ड जूस खरीदना। जी हां, बाजार के ये पैकेज्ड जूस आपको और आपके परिवार को सेहतमंद बनाने की जगह आप पर खतरे की तरह मंडरा रहे हैं। ये पैकेज्ड जूस आपके और आपके बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।
 
जानिए क्यों है खतरनाक - 
दरअसल बाजार में मिलने वाले पैकेज्ड जूस, घर पर बने जूस की तुलना में बिल्कुल भी फ्रेश नहीं होते इसलिए इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। इसके अलावा इसके नुकसानदायक होने का सबसे बड़ा और गंभीर कारण है इसमें शुगर की मात्रा जरूरत से बेहद ज्यादा होना।
 
कंज्यूमर रिपोर्ट्स की एक स्टडी में यह सामने आया कि अमेरिका में बिकने वाले 45 मशहूर ब्रैंड्स के फ्रूट जूस प्रॉडक्ट की जांच में कैडमियम, इनऑर्गेनिक आर्सेनिक और मरकरी या लेड पाया गया, जो के बेहद खतरनाक है। 
इसके साथ ही तकरीबन आधे से ज्यादा ब्रैंड के जूस में मेटल का स्तर अत्यधिक था, वहीं 7 प्रॉडक्ट्स में इसका स्तर इतना ज्यादा था कि अगर इसकी थोड़ी-सी भी मात्रा बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। 
 
इस स्टडी के अनुसार बच्चों और बड़ों दोनों ही के लिए पैकेज्ड जूस लेना खतरनाक है। इसका पहला कारण है-  इसमें मौजूद हेवी मेटल को इससे पूरी तरह से नहीं निकाला जा सकता। 
 
दूसरा कारण यह भी है कि इसमें जो विषैले तत्व मौजूद हैं वे मैन्युफक्चरिंग से लेकर पैकेजिंग की प्रक्रिया तक, हवा,पानी और मिट्टी के जरिए इसमें मिल चुके होते हैं, जिन्हें अलग करना नामुम्किन है। 
 
तीसरा एक कारण इसमें मौजूद संयुक्त मेटल है, जो बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। ये मेटल बच्चों पर इतना गहरा असर डालती हैं कि बच्चों का दिमागी विकास तो प्रभावित होता ही है, उनके नर्वस सिस्टम पर भी असर डालता है। 
 
कुल मिलाकर स्टडी में यह साफ पता चलता है कि बाजार में उपलब्ध पैकेज्ड जूस, हर तरह से नुकसानदायक है और इनकी कम मात्रा भी बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए बेहद खतनाक साबित हो सकती है। 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

આગળનો લેખ
Show comments