दिवाली खुशियों का त्योहार है। बड़ी धूम-धाम से इसे मनाया जाता है। 14 वर्षों का वनवास पूरा कर प्रभु श्री राम अयोध्या लौटे थे। इसके बाद से हर साल दिवाली मनाई जाती है। लेकिन लगातार बढ़ते प्रदूषण से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिन्हें वायु प्रदूषण, बारीक डस्ट और अलग-अलग प्रकार के धुएं से एलर्जी और सांस संबंधी समस्या का खतरा अधिक रहता है।
अस्थमा एक गंभीर बीमारी है। जिसमें मरीजों को सांस लेने में सबसे अधिक परेशानी होती है। इस दौरान नाक बंद होना, सांस लेने में परेशानी होना, छाती कड़क पड़ना। ऐसे वक्त में सांस नहीं ले पाते हैं तो घबराने की बजाए हिम्मत से काम लिया जाता है। कुछ टिप्स ऐसे है जिन्हें फॉलो कर दिवाली पर पटाखों के धुएं से होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं -
- धुंए से अधिक परेशानी होने पर मास्क लगा लें।
- कोशिश करें दूर अधिक धुंआ होने पर बाहर नहीं निकलें।
- एक स्कार्फ हमेशा साथ रखें ताकि उड़ते पार्टिकल्स से बच सकें।
- धूल भरे वातावरण में जाने से बचें।
- इनहेलर हमेशा साथ रखें।
- दिवाली पर धुंए से अचानक परेशानी होने पर गर्म पानी की भाप भी लें सकते हैं।
इसके अलावा कुछ अन्य टिप्स है जिन्हें प्रतिदिन फॉलो करने से आप अस्थमा की अधिक समस्या नहीं होगी।
- गर्म पानी की भाप लें।
-अनुलोम-विलोम, कपालभाति करें।
-भस्त्रिका प्राणायाम जरूर करें।
- दही, नींबू और ठंडा खाने से बिल्कुल परहेज करें।
- गर्म पानी का सेवन करें।
- धूप जरूर लें। धूप में बैठकर एक्सरसाइज करें।
- गर्म कपड़े पहन कर रखें।
- ठंडी हवा में जानें से बचें।
- ठंडे-गर्म वातावरण से बचें।