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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान इन 5 चीजों को खाने से बचें

foods to avoid during breastfeeding
foods to avoid during breastfeeding
बच्चे को हेल्दी बनाए रखने के लिए मां का दूध अमृत होता है। ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट और स्वास्थ्य का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए जिससे बच्चे को जरूरी पोषक तत्व मिल सकें। मां का दूध बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी होता है। महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के समय कुछ विटामिन, कैलोरी और खनिज पदार्थ की जरूरत थोड़ी ज्यादा होती है। ब्रेस्ट फीडिंग के समय महिलाओं को कुछ चीज़ों का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं इन चीज़ों को....
 
1. मिर्च मसाले का सेवन कम करें: ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वह मिर्च मसाले, लहसुन, प्याज आदि का बहुत ज्यादा सेवन न करें क्योंकि इससे बच्चे को दस्त व बदहजमी की शिकायत हो सकती है। ज्यादा मिर्च या मसाले खाने से आपके बच्चे के स्वस्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
 
2. गैस बनाने वाली चीज़ें: महिलाओं को मां बनने के बाद गैस की समस्या होती है। इस समस्या से बच्चे को भी गैस हो सकती है। ऐसे में आपको कुछ खाद्य पदार्थ जो गैस पैदा कर सकते हैं जैसे ब्रोकली, गोभी, राजमा, छोले, काले चने, दाल, मूंगफली, आलू और मकई नहीं खाना चाहिए। 
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3. कैफीन से बचें: कैफीन के लिए लोग चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक हैं। हालांकि कैफीन बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग के माध्यम से ट्रांसफर हो जाता है। कैफीन बच्चे के शरीर में जमा होने लगता है जिससे बच्चे को समस्या हो सकती है। ब्रैस्ट फीडिंग की समय आप कैफीन के सेवन से बच्चे और चाय या कॉफ़ी का सेवन कम करें। 
 
4. शराब का सेवन न करें: ब्रेस्ट फीडिंग के समय आपको शराब के सेवन से बचना चाहिए। अगर आप शराब पी रहे हैं तो अपने शिशु को लास्ट पेय के कम से कम चार घंटे बाद तक दूध न पिलाएं। शराब स्तन के दूध में अच्छी मात्रा में प्रवेश करती है और बच्चे को सुला सकती है। साथ ही ये बच्चे की सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। 
 
5. खट्टे फल का सेवन न करें: आपको ब्रेस्ट फीडिंग के समय संतरे, नींबू और आंवला जैसे खट्टे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे शिशु के पेट में जलन हो सकती है जिससे दस्त और डायपर रैशेज हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उन्हें अपनी डाइट से पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत है। सिर्फ लक्षणों पर ध्यान दें और अगर आप अपने शिशु के व्यवहार में कोई बदलाव फील करते हैं तो इनका सेवन को सीमित कर दें।

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