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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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Covid Protocol : कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए सबसे प्रभावी तरीका

Covid Protocol : कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए सबसे प्रभावी तरीका
कोरोना वायरस का प्रकोप अभी भी जारी है। साल 2021 में आई कोरोना की लहर ने सभी को चौंका दिया है। चारों और त्राहिमाम मचा हुआ है। साल 2020 में आए कोरोना वायरस से बचाव के लिए कुछ नियमों का पालन करना सभी को जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, वैज्ञानिक और डॉक्टर द्वारा लगातार बताया जा रहा है कि हाथ धोना जरूरी है। आइए जानते हैं सलाहकारों द्वारा हाथ धोने पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है?
 
कैसे बनता है वायरस? क्यों हाथ धोए जाते हैं? 
 
अधिकतम वायरस तीन चीजों से बना होता है- आरएनए, प्रोटीन और लिपिड। इन तीनों परतों के क्रमानुसार वायरस का निर्माण होता है। लिपिड लेयर वायरस को बाहरी रूप से कवर करती है लेकिन यह लेयर सबसे अधिक कमजोर होती है। अब बाहरी परत कमजोर होने से इसे आसानी से तोड़ा जा सकता है। वायरस के इस लेयर को तोड़ने के लिए किसी तेज केमिकल की जरूरत नहीं होती है। इसलिए आसानी से साबुन से ही हाथ धोकर इसे तोड़ा जा सकता है। 
 
बता दें कि वायरस 50-20,000 नैनोमीटर के बीच होता है। और वायरस भी नैनो पार्टिकल्स की तरह ही है। जब कोई व्यक्ति छींकता, खांसता है तो उसके मुंह से निकले हुए पार्टिकल्स काफी खतरनाक होते हैं। जी हां, मुंह और नाक से निकले पार्टिकल्स का पानी सूख जाता है लेकिन बैक्टीरिया नहीं खत्म होते हैं। कपड़े और त्वचा पर सबसे अधिक बैक्टीरिया होते हैं और लंबे समय तक रहते हैं। इसलिए कोशिश करें हमेशा नाक और मुंह पर हाथ रखकर छींकें और खांसें। इसके बाद तुरंत हाथ धो लें।
 
हाथ धोते वक्त ध्यान रखने योग्य बातें - 
 
विशेषज्ञों के मुताबिक हाथ धोने से वायरस के अलावा, दस्त, डायरिया, पीलिया, टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है। ध्यान रहें हाथों को कभी भी कॉमन नैपकिन से नहीं पोंछें। या तो आप उन्हें हवा में सुखा लें या अपने निजी नैपकिन से ही हाथ पोंछे। दरअसल गीले टॉवल, नैपकिन में बैक्टीरिया के पैदा होने की संभावना अधिक होती है। 
 
वैज्ञानिकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन का सुझाव है कि जब भी हाथ धोएं उसे तसल्ली से धोएं। सबसे पहले साबुन लें, थोड़ा सा पानी डालें और कम से कम 30 सेकंड तक हाथों को तसल्ली से धोएं। 


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