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गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजन विधि

Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा की तारीख, मंत्र, पूजा का तरीका और शुभ मुहूर्त

Ved Vyas

WD Feature Desk

, मंगलवार, 16 जुलाई 2024 (18:02 IST)
Guru purnima 2024 : आषाढ़ माह के अंतिम दिन पूर्णिमा रहती है जिसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन महाभारत के रचनाकार महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार गुरु व्यास पूजा 21 जुलाई 2024 रविवार के दिन रहेगी। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से भारतभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।ALSO READ: Guru Poornima : करियर में आ रही है रुकावट तो ऐसे करें गुरु पूर्णिमा पर पूजन
 
21 जुलाई 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त:
गुरु पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई 2024 पूजन के मुहूर्त : Guru Purnima 2024, 21st July Sunday Muhurat 
 
आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा प्रारंभ- 20 जुलाई 2024, शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट से।  
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 21 जुलाई 2024, रविवार को 03 बजकर 46 मिनट पर होगी।  
उदयातिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा रविवार को मनाई जाएगी।
 
गुरु पूर्णिमा का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:14 से 04:55 तक। 
प्रातः सन्ध्या- प्रात: 04:35से 05:37 तक। 
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55 तक।  
विजय मुहूर्त- अपराह्न 02:44 से 03:39 तक।
अमृत काल- शाम 06:15 से 07:45 तक। 
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:17 से 07:38 तक। 
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07:18 से 08:20 तक। 
निशिथ काल- रात्रि 12:07 से 12:48 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 21 जुलाई को सुबह 05:37 से 22 जुलाई को 12:14 तक।
 
गुरु पूर्णिमा विशेष मंत्र-guru purnima mantra 2023
 
1. ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।
2. ॐ गुरुभ्यो नम:।
3. ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।
4. ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।
5. गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
 
कैसे करें पूजन :- 
  • सर्वप्रथम एक श्वेत वस्त्र पर चावल की ढेरी लगाकर उस पर कलश-नारियल रख दें। 
  • उत्तराभिमुख होकर सामने शिवजी का चित्र रख दें। 
  • शिवजी को गुरु मानकर निम्न मंत्र पढ़कर श्रीगुरुदेव का आवाहन करें-
  • 'ॐ वेदादि गुरुदेवाय विद्महे, परम गुरुवे धीमहि, तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।।'
  • हे गुरुदेव! मैं आपका आह्वान करता हूं। 
  • फिर यथाशक्ति पूजन करें, नैवेद्यादि आरती करें तथा 'ॐ गुं गुरुभ्यो नम: मंत्र' की 11, 21, 51 या 108 माला करें।
  • यदि किसी विशेष साधना को करना चाहते हैं, तो उनकी आज्ञा गुरु से मानसिक रूप से लेकर की जा सकती है।ALSO READ: Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा कब है, जानें पूजा का खास मुहूर्त

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