सूरत। गुजरात में बुधवार को राजनीति उस समय और गरमा गई जब आम आदमी पार्टी ने सूरत ईस्ट से अपने उम्मीदवार कंचन जरीवाला के अपहरण का आरोप लगाया। हालांकि इस आरोप के कुछ ही समय बाद कंचन नामांकन वापस लेने चुनाव अधिकारी के दफ्तर पहुंच गए।
सूरत ईस्ट सीट पर आम आदमी पार्टी के उतरन के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। पिछली बार बहुत कम अंतर से जीती भाजपा के लिए आप की मौजूदगी मुश्किल का सबब बन सकती थी। कांग्रेस से असलम साइकिलवाला चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि भाजपा ने मौजूदा विधायक अरविंद राणा पर ही भरोसा जताया है।
भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकते थे जरीवाला : बताया जा रहा है कि यदि कंचन जरीवाला इस सीट पर भाजपा के ही वोट काटते और यदि उन्हें 10 से 15 हजार वोट भी मिल जाते तो भाजपा के लिए यह सीट निकालना मुश्किल हो जाता। ऐसे में कहा तो यह भी जा रहा है कि कंचन जरीवाला का नाम वापस लेना भाजपा की ही चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
इससे पहले आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईसुदान गढ़वी ने ट्वीट कर कहा था कि जरीवाला का बीजेपी के गुंडों ने अपहरण कर लिया है। कंचन और उनका परिवार लापता है।
मनीष सिसोदिया का धरना : दूसरी ओर, जरीवाला द्वारा नाम वापस लिए जाने के मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मैं दोपहर 2 बजे चुनाव आयोग जाने वाला था, लेकिन अब आपात स्थिति है।