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अमिताभ से भी बेहतर अभिनेता हैं नरेंद्र मोदी : राहुल गांधी

अमिताभ से भी बेहतर अभिनेता हैं नरेंद्र मोदी : राहुल गांधी
विसावदर , गुरुवार, 30 नवंबर 2017 (08:00 IST)
विसावदर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक भाषणों पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह अमिताभ बच्चन से भी बेहतर अभिनेता हैं।
 
सौराष्ट्र क्षेत्र के विसावदर, सावरकुंडला और अमरेली में रैलियों को संबोधित करते हुए राहुल ने पाटीदारों तक पहुंच बनाने की भी कोशिश की और राफेल करार पर चुप्पी एवं चुनिंदा उद्योगपतियों से करीबी के लिए मोदी पर हमला बोला।
 
सावरकुंडला में रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी जबर्दस्त अभिनेता हैं....अमिताभ बच्चन से भी बेहतर। अमूमन किसी अभिनेता को रोने के लिए कॉन्टेक्ट लेंस लगाना होता है...उसकी आंखों में जलन होती है और आंसू टपक पड़ते हैं। लेकिन नरेंद्र मोदीजी को अपनी आंखों से आंसू गिराने के लिए किसी कॉन्टेक्ट लेंस की जरूरत नहीं पड़ती।
 
साल 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान इस समुदाय के 14 सदस्यों के पुलिस फायरिंग में मारे जाने की घटना का हवाला देते हुए राहुल ने विसावदर में कहा कि यदि कोई अपनी आवाज उठाता है तो गुजरात में या तो उसकी पिटाई कर दी जाती है या उसे गोलियों का सामना करना पड़ता है ।
 
राहुल ने कहा, 'यहां सारे समुदाय सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। लेकिन गुजरात में आवाज उठाने पर आपको क्या मिल रहा है? आपको पीटा जाता है, आपको गोलियों का सामना करना पड़ता है। राजनीतिक तौर पर निर्णायक सौराष्ट्र क्षेत्र में विसावदर पाटीदार बहुल विधानसभा क्षेत्र है।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मैंने (राफेल करार पर) मोदी जी से तीन सवाल पूछे। पहला, क्या (फ्रांसीसी कंपनी के साथ हुए) पहले और दूसरे अनुबंध में विमानों की लागत में कोई फर्क है? कृपया हां या नहीं में जवाब दें।
 
राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बजाय एक निजी उद्योगपति मित्र को ठेका क्यों दिया गया? और क्या आपने करार के लिए कैबिनेट की सुरक्षा समिति (सीसीएस) से मंजूरी ली? कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी जानना चाहा कि लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पिछले साल फ्रांस के साथ करार को औपचारिक रूप देने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री उनके सवालों के जवाब देने से परहेज कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि उनके गृह राज्य में हो रहे अहम चुनावों से पहले सच्चाई सामने आ जाएगी। 
 
मोदी को निशाने पर लेते हुए राहुल ने कहा, 'आप देखेंगे कि चुनावों से दो-तीन दिन पहले फिर कैसे इस अभिनेता की आंखों से आंसू टपक पड़ते हैं। वह हर मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन यह नहीं बताएंगे कि गुजरात में अपने उत्पाद के लिए किसानों को कितने रुपए मिलते हैं, कर्ज माफी हुई कि नहीं या काले धन को सफेद कैसे कर लेते हैं।'
 
नोटबंदी के बाद एक भावुक भाषण में मोदी ने कहा था कि यदि वह काला धन वापस नहीं ला सके तो लोग उन्हें सूली पर लटका सकते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भावुक होकर मोदी ने हाल में कहा था कि गुजरात उनकी मां है और वह उनके बेटे हैं।
 
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को रबर स्टैंप करार देते हुए राहुल ने कहा कि दरअसल अमित शाह इस सरकार को चला रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित करने में इसलिए देरी की क्योंकि मोदी गुजरात चुनाव से पहले राफेल करार और जय शाह के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं।
 
राहुल ने कहा कि अमूमन संसद का (शीतकालीन) सत्र हर साल नवंबर में आयोजित होता है और लोकसभा एवं राज्यसभा में चर्चा होती है। लेकिन दो कारणों से इस बार गुजरात चुनावों के बाद संसद सत्र होगा। उन्होंने भाजपा शासित गुजरात में किसानों की समस्याओं और बेरोजगारी के मुद्दों पर मोदी सरकार की आलोचना की।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि गुजरात में मोदी जी के 5-10 मित्रों को सारी जमीन दे दी गई जबकि किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी कपास और मूंगफली पर किसानों को ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के अपने वादे से पीछे हट गए हैं। (भाषा) 

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