Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

गुड़ी पड़वा पर यहां होता है राम-रावण का युद्ध, करते हैं रावण दहन भी, जानिए क्यों

गुड़ी पड़वा पर यहां होता है राम-रावण का युद्ध, करते हैं रावण दहन भी, जानिए क्यों
webdunia

राजश्री कासलीवाल

आपको ज्ञात होगा कि देशभर में दशहरे पर रावण दहन होता है। लेकिन उज्जैन संभाग का एक गांव ऐसा है, जहां हिन्दू नववर्ष (गुड़ी पड़वा) और नवरात्रि के प्रथम दिवस की शुरुआत रावण दहन के साथ की जाती है। बरसों से यहां के लोग इस अनूठी परंपरा का निर्वाह करते आए हैं।
 
 
प्रति वर्ष गुड़ी पड़वा पर करीब 5 हजार की आबादी वाले रतलाम जिले के गांव कसारी में राम-रावण के बीच युद्ध होता है। फिर भगवान श्रीराम द्वारा छोड़े गए अग्निबाण से रावण के पुतले का दहन होता है।
 
संभवत: देश का यह ऐसा अकेला गांव है जहां नए वर्ष पर रावण दहन किया जाता है। कुछ सालों पहले तक ग्रामीणजन रावण के पुतले को पत्थरों एवं डंडों से पीट-पीट कर वध करते थे, लेकिन समय बदला तो रावण के मारने का तरीका भी बदला। अब आतिशबाजी के साथ रावण के पुतले का दहन किया जाता है।

 
ग्रामीणों के अनुसार रावण दहन के पूर्व अमावस्या की रात्रि को गांव के तालाब किनारे रात भर रामलीला का मंचन किया जाता है तथा इसके बाद गुड़ी पड़वा के दिन की सुबह ग्यारह बजे रावण वध के लिए राम व रावण की सेना तैयार होकर युद्ध करते हुए रावण दहन के स्थान पर पहुंचती है तथा राम द्वारा रावण की नाभी पर अग्निबाण से प्रहार किया जाता है।

 
ग्राम कसारी में यह अपने ढंग की अनूठी परंपरा है। यहां की आतिशबाजी के साथ ही गांव वाले खुशियां मनाते हैं और ठीक उसी तरह एक-दूसरे को बधाई भी देते है, जिस प्रकार दशहरे पर रावण दहन के बाद बधाई दी जाती है।

एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देने के साथ नीम की पत्तियों को प्रसाद रूप में बांटा जाता हैं। यहां पर रावण दहन की यह परंपरा 50 साल से भी ज्यादा पुरानी है। हालांकि इस परंपरा को लेकर कोई स्पष्ट मान्यता या किंवदंती नहीं है।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

चेटीचंड : सिन्धी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व