Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Gudi Padwa 2021 : हिंदू नवसंवत्सर गुड़ी पड़वा आज, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Webdunia
कब है गुड़ी पड़वा, जानें किस तरह मनाया जाता है यह त्योहार
 
हिंदू नवसंवत्सर  के दिन गुड़ी पड़वा मनाया जाता है। यह चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को आता है। इसे वर्ष प्रतिपदा या उगादि भी कहा जाता है। हिंदू धर्म का इस दिन से ही नववर्ष शुरू होता है। गुड़ी के अर्थ की बात करें तो यह विजय पताका होता है। 
 
शालिवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना तैयार की थी और उससे प्रभावी शत्रुओं का पराभव किया था। इसे विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। जहां आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इस दिन को उगादि तो महाराष्ट्र में इसे ग़ुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो जाती है। आइए जानते हैं गुड़ी पड़वा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
 
गुड़ी पड़वा तिथि और मुहूर्त:
 
गुड़ी पड़वा मंगलवार, अप्रैल 13, 2021
गुड़ी पड़वा तिथि- 13 अप्रैल 2021
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 12 अप्रैल 2021 दिन सोमवार की सुबह 08 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 13 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार की सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक।
गुड़ी पड़वा महत्व:
 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड का निर्माण किया था। ऐसे में इस दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा की जाती है। साथ ही कहा जाता है कि गुड़ी पड़वा के दिन सारी बुराईयों का नाश हो जाता है। वहीं, व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
 
जानें कैसे मनाया जाता है गुड़ी पड़वा:
 
महाराष्ट्र में इस दिन कई तरह के जुलूस आयोजित किए जाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं। साथ ही मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ त्यौहार का आनंद लेते हैं। कई लोग अपने घरों में अलग-अलग तरह के पारंपरिक व्यंजन जैसे पूरन पोली और श्रीखंड आदि बनाते हैं। महाराष्ट्र में मीठे चावल बनाए जाते हैं। इन्हें सक्कर भात कहा जाता है। इस दिन सूर्योदय से शुरू होकर पूरे दिन अनुष्ठान चलते हैं।
 
गुड़ी पड़वा पूजा विधि-
 
1. गुड़ी पड़वा के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि किया जाता है।
2. इसके बाद मुख्यद्वार को आम के पत्तों से सजाया जाता है।
3. इसके बाद घर के एक हिस्से में गुड़ी लगाई जाती है। इसे आम के पत्तों, पुष्प और कपड़े से सजाया जाता है।
4. इसके बाद भगवान ब्रह्मा की पूजा की जाती है और गुड़ी फहराते हैं।
5. गुड़ी फहराने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
गुड़ी पड़वा 2021 :  जानिए विशेष सामग्री 
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

23 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

23 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

આગળનો લેખ
Show comments