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Indian Army Day 2024: आज थल सेना दिवस, जानें 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है ?

Indian Army Day 2024: आज थल सेना दिवस, जानें 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है ?

WD Feature Desk

Indian Army Day
Indian Army Day:हर साल थल सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है। बता दें कि फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है।

सन् 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्‍म लेने वाले करियप्पा ने सिर्फ 20 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी शुरू की थी। साल 1953 में वे सेना से रिटायर हो गए थे। आज के दिन के इस खास अवसर देशवासी थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, जांबाजी, शौर्य और कुर्बानी को याद करके यय दिन मनाया जाता है। 
 
भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक घटना वो है, जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे। ईस्ट इंडिया कंपनी ने वर्ष 1776 में भारतीय सेना का गठन कोलकाता में किया। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली। 
 
सन् 1947 में करियप्पा ने भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी और पाकिस्‍तान को धूल चटा दी थी। करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे, जिन्होंने 15 जनवरी 1949 में सर फ्रैंसिस बुचर से प्रभार लिया था। हालांकि वे यह खिताब पाने वाले दूसरे शख्‍स थे, इससे पहले 1973 में भारत के पहले फील्ड मार्शन बनने का सम्मान सैम मानेकशॉ को प्राप्‍त है। 
 
15 जनवरी के दिन दिल्ली में सेना कमान मुख्यालय के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन के अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करके सेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन दिल्ली के परेड ग्राउंड पर आर्मी डे परेड का आयोजन होता है। आर्मी डे के तमाम कार्यक्रमों में से यह सबसे बड़ा आयोजन होता है।
 
जनरल ऑफिसर कमांडिंग, हेडक्वार्टर दिल्ली की अगुवाई में यह परेड निकाली जाती है। आर्मी चीफ सलामी लेते हुए परेड का निरीक्षण करते हैं। ये परेड भी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा होती है। आर्मी डे पर आर्मी चीफ बेहतरीन सेवाओं के लिए जवानों को सम्मानित करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं। 
 
केएम करियप्पा का निधन 15 मई 1993 को बेंगलुरु में हुआ था, भारतीयों के दिलों में वे सदा अमर रहेंगे। आपको बता दें कि केएम करियप्पा को 14 जनवरी 1986 को फील्ड मार्शल के खिताब दिया गया था। 

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