Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

रणथंभौर के किले में स्थित चमत्कारी त्रिनेत्र गणेश मंदिर, जहां भक्त बप्पा को चिट्ठी लिखकर लगाते हैं अपनी अर्जी

देश का पहला मंदिर जहां भगवान अपनी दोनों पत्नी रिद्धि-सिद्धि और पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं

WD Feature Desk
शुक्रवार, 30 अगस्त 2024 (13:07 IST)
Ganesh Mandir ranthambore

Trinetra Ganesh Mandir : राजस्थान की राजधानी जयपुर से 150 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर के रणथंभौर किले के अंदर एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है। यहां के विनायक को भारत का प्रथम गणेश कहते हैं, जिनकी तीन आखें हैं। यह देश का पहला मंदिर है, जिसमें भगवान अपनी दोनों पत्नी रिद्धि-सिद्धि और पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं।

त्रिनेत्र गणेश मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यहां आने वाले पत्र हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी होती है। इसलिए देशभर से भक्त अपने घर में होने वाले हर मंगल कार्य का पहला निमंत्रण पत्र त्रिणेत्र गणेश को भेजते हैं। इसके साथ ही श्रद्धालु डाक से अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान को अर्जी लगाते हैं। 

मंदिर में पोस्टमैन भक्तों के डाक लेकर पहुंचता है। डाक भेजने का पता है, 'श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला-सवाई माधोपुर, राजस्थान। मंदिर के पुजारी सभी चिट्ठियों और निमंत्रण को भगवान के चरण में रख देते हैं।ALSO READ: चमत्कारी है कनिपाकम विनायक का ये मंदिर, लगातार बढ़ रहा है मूर्ति का आकार

जब कृष्ण गणेशजी की पूजा करना भूल गए
एक मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण का विवाह रूकमणी से हुआ था। इस विवाह में कृष्ण गणेशजी को बुलाना भूल गए। जिसके बाद क्रोधित गणेशजी के वाहन मूषकों ने कृष्ण के रथ के आगे-पीछे सब जगह गड्ढा खोद दिया। ऐसे में कृष्ण ने तुरंत गणेशजी को मनाया। कहा जाता है की तभी से गणेशजी हर मंगल कार्य करने से पहले पूजे जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने जहां गणेशजी को मनाया, वह स्थान रणथंभौर था। यही कारण है कि रणथंभौर गणेश को भारत का प्रथम गणेश भी कहते हैं। दूसरी मान्यता ये भी है कि भगवान राम ने लंका कूच से पहले गणेश जी के इसी रूप का अभिषेक किया था।

महाराजा हमीरदेव ने करवाया मंदिर का निर्माण
तीसरी पौराणिक कहानी अलाउद्दीन खिलजी और महाराज हमीरदेव से जुड़ी है। महाराजा हमीरदेव और अलाउद्दीन खिलजी के बीच सन 1299-1301 को रणथंभौर में युद्ध हुआ था। उस समय अलाउद्दीन खिलजी के सैनिकों ने दुर्ग को चारों ओर से घेर लिया। ऐसे में महाराजा हमीरदेव के सपने में भगवान गणेश ने आकर कहा कि मेरी पूजा करोगे तो सभी समस्याएं दूर हो जाएगी। इसके ठीक अगले ही दिन किले की दीवार पर त्रिनेत्र गणेश की मूर्ति इंगित हो गई और उसके बाद हमीरदेव ने उसी जगह भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। कहते हैं कि भगवान के आशीर्वाद से कई सालों से चला आ रहा युद्ध भी समाप्त हो गया।
 
 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

Vrishchik Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: वृश्चिक राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की 20 खास बातें

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती कब है? नोट कर लें डेट और पूजा विधि

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

આગળનો લેખ
Show comments