गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है। 10 दिनी उत्सव में गणपति जी को 10 दिन तक भिन्न-भिन्न प्रकार का भोग लगाया या प्रसाद चढ़ाया जाता है उनमें से लड्डू उनके सबसे प्रिय है। लड्डू से जुड़ी एक कथा भी है। आओ जानते हैं 5 खास तरह के लड्डुओं की जानकारी।
1. मोदक के लड्डू : गणेशजी को मोदक के लड्डू बड़े प्रिय हैं। मोदक भी कई तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं।
2. मोतीचूर के लड्डू : गणेशजी को मोदक के बाद नैवेद्य के रूप में मोतीचूर के लड्डू का भी भोग लगता है। इन्हें ही बूंदी के लड्डू भी कहते हैं। इसके अलावा उन्हें शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। तील और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं।
3. उखड़ी के मोदक : इसमें चावल के आटे से मोदक बनाए जाते हैं जिसके अंदर नारियल और शक्कर के मिश्रण को भरा जाता है और फिर उसे उबालकर बनाया जाता है।
4. बेसन के लड्डू : कहते हैं कि उन्हें शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। कई जगहों पर यह भी अर्पित किए जाते हैं।
5. सूजी के लड्डू : इसे रवा के लड्डू भी कहते हैं। रवे में शक्कर का बूरा, इलायची पावडर व चारोली मिलाकर इसे शुद्ध देशी घी में बनाया जाता है।
6. अन्य लड्डू : इसके अगलावा गुड़ और राजगिरे के लड्डू भी अर्पित किए होते हैं।