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G20 समिट में कोणार्क चक्र की प्रतिकृति, भारत के लिए क्यों खास है यह चक्र

G20 समिट में कोणार्क चक्र की प्रतिकृति, भारत के लिए क्यों खास है यह चक्र
, शनिवार, 9 सितम्बर 2023 (12:37 IST)
Konark chakra in G20 Summit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन स्थल ‘भारत मंडपम’ पहुंचे विश्व नेताओं से हाथ मिलाकर शनिवार को उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने हर नेता के साथ अलग-अलग फोटो खिंचाई इस दौरान बैकग्राउंड में ओडिशा के पुरी स्थित सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र की प्रतिकृति नजर आ रही थी।
 
कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। कुल 24 तीलियों वाले इस पहिये को तिरंगे में भी दर्शाया गया है।
 
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यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है। इस चक्र का घूमना ‘कालचक्र’ के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का भी प्रतीक है।
 
नए संसद भवन के कर्मा द्वार पर भी कोणार्क चक्र की प्रतिकृति को स्थापित किया गया है। यह चक्र भारत के लोकतंत्र का एक शक्तिशाली प्रतीक है। यह लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Edited by : Nrapendra Gupta  

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