Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

2019 में आर्थिक सुस्ती ने बढ़ाई मोदी सरकार की परेशानी, 2020 में होगी बड़ी परीक्षा

2019 में आर्थिक सुस्ती ने बढ़ाई मोदी सरकार की परेशानी, 2020 में होगी बड़ी परीक्षा

नृपेंद्र गुप्ता

, गुरुवार, 12 दिसंबर 2019 (18:15 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए 2019 वैसे तो जबरदस्त रहा लेकिन कई मौर्चों पर उसे भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मोदी सरकार 2.0 में वित्त मंत्रालय की कमान निर्मला सीतारमण को सौंपी गई लेकिन उन्हें आर्थिक सुस्ती ने जमकर परेशान किया। हालांकि वित्त मंत्री ने राहत पैकेज का ऐलान कर कई सेक्टर्स पर राहत की बौछारें कीं। 
 
इस सुस्ती से निपटने के लिए 10 बैंकों के विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने का फैसला भी किया गया। बहरहाल निर्मला सीतारमण को इस मुश्किल समय में शायद पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली की कमी भी खली जो इस तरह की स्थिति में उनकी खासी मदद कर सकते थे।
 
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था समकालीन नरमी से गुजर रही है जिसके कारण इस साल दुनिया के 90 प्रतिशत देशों में वृद्धि दर कम होगी। भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर कुछ अधिक है। एक रोचक तथ्य यह है कि जिस Parle G को सबसे ज्यादा मं‍दी का डर सता रहा था उसका मुनाफा 15 प्रतिशत बढ़ गया। विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि देश मंदी की चपेट में है और सत्ता पक्ष कहता रहा कि कोई मंदी नहीं है। एक मंत्री तो यहां तक कह बैठे कि जिस देश में फिल्में 1 दिन में 120 करोड़ कमा रही हों तो वहां मंदी कैसे हो सकती है।
 
बहरहाल मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई जो कि बीते 6 साल में निचले स्तर पर है। लगातार पांचवीं तिमाही में इस तरह की गिरावट दर्ज की गई है।
 
रियल एस्टेट सेक्टर : वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार के लिए कई कदम उठाए। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को नया घर खरीदने में राहत मिलेगी, उन्होंने हाउसिंग पर 10 हजार करोड़ के फंड का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे। लोगों को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा।
 
ऑटो सेक्टर : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में तेजी लाने के लिए कई प्रयास किए। वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि सरकारी विभाग पुरानी गाड़ियां रिप्लेस करके नई गाड़ियां खरीदेंगे, ताकि वाहनों की बिक्री में तेजी आए। जून 2020 तक वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस में 10 से 20 गुना बढ़ोतरी की योजना टाल दी गई है और सरकार नई स्क्रैपेज पॉलिसी लाने की तैयारी भी कर रही है जिससे कि पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी खरीदने पर छूट दी जाएगी।
 
निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि 31 मार्च 2020 तक ये वाहन खरीद सकते हैं और इन्हें तब तक चलाया जा सकता है, जब तक कि इनका रजिस्ट्रेशन होगा। इस फैसले के बाद इन वाहनों की बिक्री में तेजी आ सकती है, क्योंकि बीएस-4 लागू होने के बाद वाहनों की कीमतों में 12% की बढ़ोतरी हो सकती है।
 
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा : मोदी सरकार ने 2019 में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के हरसंभव प्रयास किए। 1 अगस्त 2019 से इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर अब 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत की दी गई। जबकि इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर पर सरकार ने बड़ी राहत दी है। चार्जर पर अब तक 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, लेकिन अब यह दर भी 5 प्रतिशत कर दी गई है। इसके साथ ही ही स्थानीय निकायों द्वारा यदि इलेक्ट्रिक बसें किराये पर ली जाती हैं तो इस जीएसटी नहीं लगेगा।
 
होटल-वाहन उद्योग को GST में राहत : जीएसटी (GST) परिषद ने सितंबर में आर्थिक नरमी के बीच विभिन्न उद्योगों को राहत देते हुए होटल और वाहन उद्योग जैसे कुछ क्षेत्रों को कर में राहत देने का फैसला किया है। इसके विपरीत, कैफीन वाले पेय पदार्थों तथा रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे एवं वैगन पर जीएसटी का बोझ बढ़ाया गया है। 1,000 से 7500 रुपए तक के होटल कमरों पर GST की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है। वहीं, 7,500 रुपए से अधिक के होटल कमरों पर 28 प्रतिशत की जगह पर 18 प्रतिशत का जीएसटी लगेगा। 1000 रुपए से कम के होटल कमरों पर कोई GST नहीं है।
 
जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत के GST के दायरे में आने वाले 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल वाहनों पर उपकर को घटाकर 1 प्रतिशत और ऐसे डीजल वाहनों पर उपकर की दर को घटाकर 3 प्रतिशत किया है।
 
टेलिकॉम सेक्टर : दूरसंचार उद्योग से संबंधित संस्था सीओएआई ने बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया के लिए 2 साल की मोहलत देने सहित विभिन्न उपायों से कर्ज से दबे इस क्षेत्र को राहत मिलेगी। सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो शामिल हैं।
 
भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर संघ (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा कि मोबाइल कॉल और डेटा दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी से तनाव को कम करने में कुछ हद तक मदद मिलेगी। मैथ्यू ने कहा कि 3 उपायों- स्पेक्ट्रम भुगतान में 2 साल की मोहलत, शुल्क दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी और समायोजित सकल राजस्व को संशोधित करने से दूरसंचार क्षेत्र को फिर से खड़ा करने में मदद मिलेगी।
 
कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी खत्म : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में ही कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का एलान किया। कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाने के साथ ही कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा कोई और टैक्स नहीं लगेगा। 
 
कंपनियों के लिए आयकर की दर करीब 10 प्रतिशत घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दी गई तथा नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटाकर 17.01 प्रतिशत कर दी। कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी लागू होगी। कंपनियों को अब बिना छूट के 22 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा। सरचार्ज के साथ टैक्स की प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी।
 
बहरहाल 2020 पर सभी की नजरें लगी हुई है। आने वाले वर्ष में मोदी सरकार की बड़ी परीक्षा होगी। पुरी दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हु्ई है कि हर समस्या का हल अपने ही ढंग से ढूंढने के लिए मशहूर मोदी सरकार आर्थिक सुस्ती से कैसे उबरती है। इस सुस्ती के आर्थिक मंदी में तब्दील होने का डर भी कहीं न कहीं भारतीयों में दिखाई दे रहा है। सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि आर्थिक सुस्ती के दौर में भी भारतीय शेयर बाजार अपने सर्वोच्च स्तर पर दिखाई दे रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

झारखंड में तीसरे चरण में 61 फीसदी से ज्यादा मतदान