रेपिनो। पिछले 52 साल से विश्व कप जीतने का इंतजार कर रहे इंग्लैंड को क्वार्टर फाइनल में स्वीडन के रूप में कमोबेश आसान चुनौती मिली है लेकिन उसे उलटफेर में माहिर इस टीम से शनिवार को सतर्क रहना होगा। स्वीडन की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पिछले आठ प्रतिस्पर्धी मुकाबलों में से सिर्फ एक गंवाया है।
मास्को में तनावपूर्ण माहौल में खेले गए अंतिम 16 के मुकाबले में कोलंबिया को पेनल्टी शूटआउट में हराने के बाद इंग्लैंड के हौसले बुलंद है। डिफेंडर जॉन स्टोन्स ने कहा,‘‘हम खिताब जीतने के इरादे से आए हैं। हमने लंबा इंतजार किया है। हम अपने देशवासियों को गर्व करने का मौका देना चाहते हैं।’’
इंग्लैंड ने 1966 में विश्व कप जीता था। चार साल पहले ब्राजील में हुए विश्व कप से टीम जल्दी बाहर हो गई थी और यूरो 2016 में आइसलैंड से हार गई थी। जेरेथ साउथगेट की टीम की लोकप्रियता का आलम यह है कि मई में हुई शाही शादी से ज्यादा दर्शक उसके फुटबॉल मैचों को मिल रहे हैं। कोलंबिया के खिलाफ मैच 2 करोड़ 36 लाख लोगों ने देखा।
स्टोनेस ने कहा कि हमें खुशी है कि लोग हमारे साथ है। मुझे अपने दोस्तों से तस्वीरें मिल रही है कि लोग देश भर में जगह-जगह मैच देख रहे हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि स्वीडन के खिलाफ आत्ममुग्धता से बचना होगा। क्वार्टर फाइनल उतना भी आसान नहीं होगा जितना समझा जा रहा है। यह विश्व कप है और कोई टीम खराब नहीं है।
दूसरी ओर स्वीडन ने क्वालीफाइंग दौर में इटली और नीदरलैंड को हराकर विश्व कप में जगह बनाई है। जर्मनी के बाहर होने के बाद ग्रुप-एफ में स्वीडन शीर्ष पर रहा था। ज्लाटन इब्राहिमोविच के संन्यास के बाद टीम में ऊर्जा की कमी महसूस की गई।
स्वीडन के कप्तान आंद्रियास ग्रांक्विस्ट ने कहा कि आम तौर पर दूसरी टीमें कागजों पर बेहतर है लेकिन हमें हल्के में नहीं लिया जा सकता। (भाषा)