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FIFA WC 2018 : फ्रांस की मानसिक मजबूती ने दिलाई जीत : डेसचैम्प्स

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सोमवार, 16 जुलाई 2018 (19:18 IST)
मॉस्को। फ्रांस के लिए 20 वर्षों के अंतराल में बतौर कप्तान और फिर कोच विश्व कप हीरो साबित हुए डिडियर डेसचैम्प्स ने अपनी फुटबॉल टीम के रूस में फीफा विश्व चैंपियन बनने के पीछे मानसिक मजबूती को वजह बताया है।
 
 
रूस के लुजनिकी स्टेडियम में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर 21वें फीफा विश्व कप का खिताब अपने नाम किया और 1998 के बाद दूसरी बार चैंपियन बनी।

फ्रांसीसी टीम की इस जीत में उसके खिलाड़ियों के साथ कोच डेसचैम्प्स की बड़ी भूमिका रही। वे ब्राजील के मारियो जगालो और जर्मनी के फ्रैंज बेकेनबॉर के बाद तीसरे ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने 1998 में बतौर कप्तान और 2018 में बतौर कोच अपनी राष्ट्रीय टीम को विश्व चैंपियन बनाया है।
 
फाइनल जीतने के बाद फ्रांस के सभी खिलाड़ियों ने डेसचैम्प्स को हवा में देर तक उछाला और जीत का जश्न मनाया। डेसचैम्प्स ने मैच के बाद कहा कि मेरे लिए सबसे गर्व की बात यह है कि खिलाड़ी मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं। फाइनल मैच में टीम ने कई गलतियां कीं, हमने सब कुछ सही नहीं किया लेकिन हम मानसिक रूप से मजबूत थे, जो विश्व कप में हमारे लिए निर्णायक साबित हुआ।
 
फ्रांस को हालांकि काफी देर तक क्रोएशिया के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा और क्रोएशियाई खिलाड़ी मारियो मांडजुकिक के आत्मघाती गोल से जाकर उसे 1-0 की बढ़त मिली। हालांकि 28 मिनट बाद क्रोएशिया ने फिर बराबरी का गोल किया, लेकिन फ्रांस को मिली पेनल्टी और उस पर एंटोन ग्रिजमैन के सटीक निशाने ने टीम को बढ़त दिला दी जिसके बाद फिर फ्रांसीसी टीम का आत्मविश्वास पूरी तरह लौट आया और वह क्रोएशिया पर भारी दिखी।
 
कोच ने कहा कि उनकी टीम में 14 खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके लिए विश्व कप बिलकुल नया है लेकिन सभी खिलाड़ी अपनी उम्र से अधिक परिपक्व होकर सोचते हैं और मानसिक रूप से मजबूत हैं जिन्होंने एक लक्ष्य के लिए खेला। डेसचैम्प्स ने कहा कि प्रतिभा ही काफी नहीं है, आपके अंदर तार्किक और मानसिक पक्षों की मजबूती भी होनी चाहिए। इससे ही हर टीम फिर कोई भी चुनौती पार कर सकती है।
 
उन्होंने कहा कि कई बार मैं अपने खिलाड़ियों पर बहुत सख्त होता हूं लेकिन मैं ऐसा उनके भले के लिए ही करता हूं, ये खिलाड़ी बहुत युवा हैं लेकिन वे फिर भी मेरी बात सुनते हैं। युवा खिलाड़ियों में 19 साल के किलियन एम्बाप्पे‍‍ ने टूर्नामेंट में 4 गोल के साथ सबसे अधिक प्रभावित किया और एमर्जिंग प्लेयर का अवॉर्ड जीता।
 
डेसचैम्प्स ने एम्बाप्पे‍‍ और 'मैन ऑफ द मैच' एंटोन ग्रिजमैन की प्रशंसा करते हुए कहा कि टीम हमेशा एकजुटता से जीतती है लेकिन व्यक्तिगत खिलाड़ियों की भी अहम भूमिका होती है, जो फर्क पैदा करते हैं। ये 23 खिलाड़ी अब हमेशा के लिए एकसाथ जुड़ गए हैं। वे भले ही अलग रास्तों पर जाएं लेकिन उन्हें हमेशा एकसाथ याद किया जाएगा, क्योंकि उनके साथ विश्व चैंपियन जुड़ गया है।
 
संवाददाता सम्मेलन के दौरान भी कई फ्रांसीसी खिलाड़ियों ने डेसचैम्प्स को बीच में आकर शैम्पेन से भिगो दिया जिस पर 49 वर्षीय कोच ने हंसते हुए कहा कि हम जानते हैं कि क्या हुआ है, ये पहली बार चैंपियन बने हैं। यूरो 2016 फाइनल में पुर्तगाल से मिली हार को याद करते हुए डेसचैम्प्स ने कहा कि यदि वे यूरो चैंपियन बनते तो शायद विश्व चैंपियन नहीं बन पाते, क्योंकि उस हार ने उन्हें काफी कुछ सिखाया है। 

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